कुरुक्षेत्र 15 जनवरी विधायक
सुभाष सुधा ने कहा कि राज्य सरकार ने इंडस्ट्रियल सैक्टर को कर्मिशियल
संस्थान के रुप में प्रयोग करने की नई पालिसी बनाई है। इस पालिसी के तहत
ओद्योगिक क्षेत्र को व्यवसायिक रुप में उपयोग करने के लिए सरकार द्वारा
निर्धारित कुछ शुल्क की अदायगी करनी होगी। इस पालिसी का कुरुक्षेत्र के
सैक्टर 2 के साथ-साथ प्रदेश में 14 जगहों पर फायदा होगा।
विधायक
सुभाष सुधा ने शुक्रवार को देर सायं बातचीत करते हुए कहा कि कई वर्ष पहले
कुरुक्षेत्र सैक्टर 2 इंडस्ट्रियल क्षेत्र के उद्योगपति मिले थे। उन्होंने
मांग की थी कि कुरुक्षेत्र के इंडस्ट्रियल क्षेत्र को कर्मिशियल कार्यों के
लिए उपयोग करने की अनुमति दिलाई जाए। इस प्रस्ताव को लेकर तत्कालीन उद्योग
मंत्री विपुल गोयल के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत की गई और
इस प्रस्ताव को रखा गया। उस समय यह तथ्य भी सामने आए कि ओद्योगिक सैक्टरों
को एचएसआईडीसी के के सपूर्द कर दिया गया है। विधायक ने कहा कि इस प्रस्ताव
को लेकर लगातार प्रयास किए गए और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बार-बार इस
विषय पर बातचीत की गई। उनके यह प्रयाय सफल हुए और सरकार ने ओद्योगिक
सैक्टरों को कर्मिशियल कार्यों के लिए उपयोग करने की न केवल अनुमति दी है,
बकायदा इसके लिए एक नीति का भी निर्धारण कर दिया है। इस नीति के अनुसार
ओद्योगिक सैक्टरों को अब व्यवसायिक कार्यों के लिए कुछ निर्धारित शुल्क जमा
करवा प्रयोग किया जा सकेगा।
उन्होंने
इस पालिसी को लागू करने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त करते हुए
कहा कि इस पालिसी से सैक्टर-2 के उद्योगपतियों को बहुत फायदा मिलेगा और
उद्योगपति अपने उद्योग को ओर अधिक बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस नई
पालिसी के तहत इंडस्ट्रियल क्षेत्र में इंटरटेनमेंट पार्क, ऐजुकेशन
इंस्टीटयूट, फाईनेंशियल इंस्टीटयूट, होटल, शापिंग माल, अस्पताल,
मल्टीपलेक्स, वेयर हाउसिंग, रिटेल आउटलेट आदि खोलने की परमिशन दी गई है।
इससे घाटे में चल रही या बंद हो चुकी यूनिट को फायदा मिलेगा। इसके साथ-साथ
इंडस्ट्रियल एरिया के कवर्ड क्षेत्र में कर्मचारियों के लिए घर बनाने की भी
परमिशन इस पालिसी के तहत दी गई है। इस पालिसी से एग्रो आधारित इंडस्ट्री
जैसे माईक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट, एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर, कोल्ड वैन,
बैकवर्ड-फारवर्ड लिंकेज, आपरेशन ग्रीन, फलों व सब्जियों की उत्पादकता को भी
बढ़ावा मिलेगा।