Monday, December 21, 2020

हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया अंतर्राष्टï्रीय विचार गोष्ठïी का शुभारम्भ, राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने वर्चुअल माध्यम से दी महोत्सव की शुभकामनाएं,

 

कुरुक्षेत्र 21 दिसम्बर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने का सबसे सशक्त माध्यम है। गीता ज्ञान और जीवन कल्याण का ग्रंथ है, जिसके जरिये जीवन को व्यवहारिक बनाया जा सकता है। गीता में जीवन जीने की शैली से लेकर कर्म करने और धर्म पर चलने के तमाम रास्ते हैं, जिनके जरिये मानव अपने जीवन को अध्यात्म व चिंतन के साथ जोड़ सकता है और गीता का अध्यात्मिक अध्ययन किया जा सकता है।
हिमाचल के मुख्यमंत्री कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र एवं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव 2020 के अंतर्गत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमदभगवद गीता सदन में आयोजित 3 दिवसीय 5वीं अंतर्राष्टï्रीय विचार गोष्ठïी सतत अस्तित्व एवं श्रीमदभगवद गीता दर्शन के उदघाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभांरभ किया। अपने सम्बोधन में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के बारे में कहा कि इस बीमारी ने जहां जीने की परिस्थितियां पूरी तरह बदल दी है वहीं वायरस ने यह संदेश भी दिया है कि मनुष्य ही शक्तिशाली नहीं है, वायरस ने जिन्दगी की बारिकियां बताई भी है और सिखाई भी है। कोविड-19 ने एक और संदेश भी दिया जिसमें लोगों को अपनी माटी के साथ मजबूती के साथ जोडने का काम किया। परिवार कागजों तक ही सीमित रह गया था पर कोविड-19 ने सबको एक साथ घर पर एकत्रित रहने की एहमियत भी बताई। 
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और आयोजकों को गीता महोत्सव के सफल आयोजन की बधाई भी दी और कहा कि कोविड-19 का समय चल रहा है इसके उपरांत भी बहुत अच्छे तरीके से कोविड-19 की गाईडलाईंस को देखते हुए अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव का सफल आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि गीता में 720 श£ोक और 18 अध्याय है, इन अध्यायों और श£ोकों मेें बताया गया है कि मनुष्य को जीवन में कैसे व्यायवाहरिक होना चाहिए। गीता में कहा गया है कि कर्म करो और फल की चिंता मत करो क्योंकि आज के समय में मनुष्य कर्म करने से ज्यादा परिणाम पर ज्यादा सोचता है जबकि उसे अपने कर्म पर ज्यादा विश्वास होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि गीता महोत्सव को गांव-गांव तक ऑन लाईन इन्टरनेट प्रणाली के माध्यम से दिखाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर आने का अवसर मिला, इस पावन धरा पर सदियों वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। इन उपदेशों को आज के जीवन में धारने की जरूरत है। 

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