कुरुक्षेत्र 29 दिसम्बर भारत
के बढ़ते औद्योगिक राज्य हरियाणा के साथ म्यंामार व्यापारिक सांस्कृतिक व
शैक्षिणक सम्बन्ध चाहता है। म्यंामार की संस्कृति भारत की संस्कृति से
मिलती जुलती है व भारत म्यांमार की सीमाएं भी भारत के चार राज्यों से
हजारों किलोमीटर जुडी हुई है। म्यांमार आज भारत का 5वां सबसे बडा आयातक देश
है।
गीता महोत्सव
के अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में आए म्यांमार के भारत में राजपूत म्यो शी
ओंग ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें यहां आकर अच्छा लगा है,
क्योंकि गीता महोत्सव का प्रचार पूरे विश्व में होता है तथा गीता जैसे
पवित्र ग्रंथ की प्रांसगिकता को पूरे विश्व ने मुक्त भाव से सराहा है तथा
विश्व के अनेक देशों ने इसे अपनाया भी है और अपने जीवन में उतारा भी है,
महाभारत के बहुत से पात्रों को पूरे विश्व में जाना जाता है। राजदूत म्यो
शी ओंग ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के साथ कुरुक्षेत्र के विभिन्न
तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर पवित्र ग्रंथ गीता व भगवान श्री कृष्ण को नजदीक
से जाना है, ब्रह्मïसरोवर, सन्निहित सरोवर, ज्योतिसर, सूर्य कुंड, अमीन बाण
गंगा आदि तीर्थों का भ्रमण अच्छा लगा तथा यहां का शांत वातावरण व विकसित
गांव यहां के विकास को दर्शा रहे है।
उन्होंने
कहा कि हरियाणा के व्यवसायी व अन्य लोग म्यांमार आकर अपने कौशल को
आदान-प्रदान करें तो हमें प्रसन्नता होगी। म्योशी ओंग ने कहा कि
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आगामी वर्ष गीता जयंती उत्सव में म्यांमार को
सहयोगी राष्टï्र बनाने का प्रस्ताव रखा है वे इस प्रस्ताव को अपने राष्टï्र
अध्यक्ष के साथ वार्तालाप करके सफल बनाने का प्रयास करेंगे कि आगामी वर्ष
में म्यांमार गीता महोस्व का सहयोगी राष्टï्र बने।