उद्योग चैंबर एसोचैम का कहना है कि किसान आंदोलन से देश को हर दिन करीब 3500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. यह नुकसान लॉजिस्टिक लागत बढ़ने, श्रमिकों की कमी, टूरिज्म जैसी कई सेवाओं के न खुल पाने आदि के रूप में हो रहा है.
एक और उद्योग चैंबर कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) का भी कहना है कि पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था को किसान आंदोलन से काफी नुकसान हो सकता है.
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
(Assocham) ने सरकार और किसानों से इस गतिरोध को दूर करने के लिए कोई
रास्ता निकालने की मांग की है. गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों को खत्म करने
की मांग को लेकर राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान करीब 20 दिन से आंदोलन
कर रहे हैं.
एसोचैम का कहना है कि कई राजमार्गों के
बाधित होने से माल की आवाजाही के लिए दूसरे वैकल्पिक रास्ते अपनाने पड़ रहे
हैं और इससे लॉजिस्टिक लागत में 8 से 10 फीसदी की बढ़त हो सकती है. इसकी
वजह से दैनिक उपभोग की कीमतें और बढ़ सकती हैं.