दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक बड़े साइबर हमले को सफलतापूर्वक रोक दिया है। खुफिया जानकारी जुटाने के लिए 100 से ज्यादा हाई प्रोफाइल लोगों पर साइबर हमला किया जा रहा था। इस हमले में हैकर्स ने पूर्व राजदूतों और नीति विशेषज्ञों के अकाउंट्स को निशाना बनाया था।
ईरानी था हमलावर
अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के थ्रेट इंटेलिजेंस सेंटर ने साइबर हमलावर की गतिविधि को पकड़ा था। माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक, ईरानी हमलावर फॉस्फोरस ने सऊदी अरब में होने वाली म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस और थिंक-20 के सम्मेलन में शामिल होने वाले संभावित प्रतिभागियों को निशाना बनाया था।
म्यूनिख बैठक का मौका चुना
म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस सुरक्षा के मोर्चे पर वैश्विक नेताओं के लिए यह महत्वपूर्ण बैठक है। यह पिछले 60 साल से लगातार हो रही है, थिंक-20 भी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, ये जी-20 देशों के लिए एक नीतिगत आइडिया तैयार करती है। माइक्रोसॉफ्ट में कस्टमर सिक्योरिटी और ट्रस्ट के उपाध्यक्ष टॉम बर्ट ने कहा कि इस हमले के विश्लेषण से यह साफ होता है कि यह अमेरिकी चुनावों से जुड़ा नहीं था।
फर्जी ई-मेल किए जाने थे
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस हमले के तहत ई-मेल के जरिए कार्यक्रम में शामिल होने वाले नेताओं या विशेषज्ञों को फर्जी ई-मेल किए जाने थे। ये ई-मेल अंग्रेजी भाषा में किए जा रहे थे। बर्ट ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का मानना है कि खुफिया जानकारी जुटाने के मकसद से ये हमले हुए हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि हमेशा की तरह व्यापार और व्यक्तिगत ई-मेल खातों में मल्टी फैक्टर अथेंटिकेशन को लागू करने से ऐसे साइबर हमलों से बचा जा सकता है।