एक स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस टेस्ट शरीर में मृत वायरस सेल्स को भी पकड़ सकते हैं जिससे मरीज की रिपोर्ट गलत रूप से पॉजिटिव आ सकती है. स्टडी में कहा गया है कि कई हफ्ते पुराने संक्रमण की वजह से शरीर में मृत वायरस सेल्स हो सकते हैं. लेकिन ऐसे लोग अगर गलती से पॉजिटिव घोषित किए जा रहे हैं तो इसकी वजह से भी महामारी बड़ी नजर आएगी.
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आमतौर पर संक्रमण के लक्षण मिलने के एक हफ्ते तक मरीज संक्रामक रहता है, यानी संक्रमण फैलाने में सक्षम होता है. लेकिन कोरोना वायरस टेस्ट में मरीज एक हफ्ते के बाद भी पॉजिटिव घोषित किया जा सकता है. हालांकि, सभी एक्सपर्ट इस बात पर सहमत नहीं है, कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि यह तय करना मुश्किल है कि मरीज कितने दिनों तक संक्रामक रहता है. कई बार ये समय 10 दिन का भी हो सकता है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर कार्ल हेनेगन ने कहा कि एक हफ्ते के बाद संक्रमण फैलाने की क्षमता घटने लगती है. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में मरीज कम हैं, लेकिन कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इसके पीछे गलत तौर से पॉजिटिव करार दिए गए लोग हो सकते हैं.