न्यूज डेस्क : कानपुर पुलिस हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार को एनकाउंटर में मारा गया, लेकिन उससे पहले पूछताछ में उसने पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। विकास कानुपर में पुलिस हत्याकांड को अंजाम देकर बेहद ही शातिराना तरीके से तीन राज्यों की सीमा को पार करते हुए मध्यप्रेदश पहुंचा था। गिरफ्तारी से पहले वो फरीदाबाद के एक होटल में दिखा, लेकिन जैसे ही उसे सूचना मिली कि पुलिस रेड करने के लिए आ रही है, तो वह वहां से तुरंत फरार हो गया।
फरीदाबाद से निकलने के बाद विकास ने कार से दिल्ली की सीमा को पार किया और फिर राजस्थान के अलवर होते हुए झालावाड़ में दाखिल हो गया। यहां से उसने बस पकड़ी और राजस्थान की सीमा पार करते हुए मध्यप्रदेश के उज्जैन पहुंचा। पुलिस के अनुसार विकास के दो साथी उज्जैन तक उसके साथ थे जो बाद में गायब हो गए। विकास ने पुलिस को अपने साथियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। रात को विकास उज्जैन में अपने परिचित के घर रुका और अगली सुबह जल्दी ही वहां से निकल गया।
गिरफ्तारी से पहले ऑटो से शहर घूमा
विकास को पकड़ने के लिए जिस वक्त यूपी की पुलिस राज्य का चप्पा-चप्पा छान रही थी। विकास दुबे उन्हें चकमा देते हुए राज्य की सीमा पार कर चुका था। उज्जैन में गिरफ्तारी से पहले उसने ऑटो में बैठकर उज्जैन शहर का चक्कर काटा। बंटी नाम के एक ऑटोवाले को साथ करीब दो घंटे तक वो शहर घूमा। इसके बाद उसने शिप्रा नदी के राम घाट पर स्नान किया। इसके बाद वो यहां से महाकाल मंदिर पहुंचा, जहां उसने 250 रुपये की पर्ची कटाई। जब वो मंदिर पहुंचा उस वक्त सुबह के करीब पौने सात बज रहे थे।
महाकाल मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को उसे देख संदेह हुआ। पहले पूछताछ में उसने अपना नाम शुभम बताया। जब उसके पहचान पत्र की जांच की गई तो उसपर दूसरा नाम था। जब सख्ती की गई तो उसने अपना असली नाम बताया। पहचान हो जाने के बाद उसे पास के महाकाल थाने ले जाया गया और कानपुर पुलिस को इसकी जानकारी दी गई।