नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की बढ़ती मांग के बीच राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने संसद के चल रहे बजट सत्र को रद्द कर दिया है. राष्ट्रपति ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि संसद के दोनों सदनों के वर्तमान सत्र को रद्द कर दिया गया है. राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा कैबिनेट की मांग पर किया गया है. इससे पहले गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई थी और इसी बैठक में संसद के बजट सत्र को रद्द करने की सिफारिश की गई थी. कैबिनेट की बैठक से पहले केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. बजट सत्र आठ मई से शुरू हुआ था. हालांकि, इस सत्र में आम बजट पेश किया जा चुका था और कई बिल भी पास हो गए थे.
सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख पुष्प कमल दहल प्रचंड ने गुरुवार को प्रधानमंत्री ओली के करीबियों से मुलाकात की थी. प्रचंड के मीडिया सलाहकार विष्णु सप्कोता ने इस बात की पुष्टि की थी कि प्रचंड ने बैठक की थी. काठमांडू पोस्ट के अनुसार, प्रचंड के खुमालतर स्थित आवास पर गुरुवार सुबह आठ बजे पार्टी महासचिव विष्णु पोउदेल, उपप्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल, विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली, प्रांत पांच के मुख्यमंत्री शंकर पोखरेल, प्रधानमंत्री ओली के प्रधान सलाहकार विष्णु रिमल और संसदीय उपनेता सुभाष नेमबांग पहुंचे थे. इस बैठक में प्रचंड ने कहा कि ओली को पार्टी के सिस्टम और प्रक्रिया का पालन करना चाहिए.
ओली ने हाल के दिनों कई भारत विरोधी फैसले लिए हैं और चीन से करीबी बढ़ाई है. ओली के कई फैसलों का देश के भीतर भी विरोध हो रहा है. यहां तक कि उन्होंने भारत से लगी सीमा सेना की तैनाती कर दी थी. नेपाली सेना की गोली से एक भारतीय की मौत भी हुई थी. ओली पर अब संविधान के नियमों को धता बताने का आरोप भी लग रहा है. नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने ट्वीट कर कहा है कि ओली को कुर्सी बचाने के लिए संविधान के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.