क़रीब ढाई महीने लंबे लॉकडाउन के बाद देश अब धीरे-धीरे अनलॉक होता जा रहा है.
मगर, जैसे जैसे रियायतें मिल रही हैं, बाज़ार फिर से गुलज़ार हो रहे हैं.
जल्द ही लोग घर से बाहर निकल कर चाट पकौड़ों का मज़ा लेते नज़र आएंगे. गोल-गप्पे और चाट वालों की दुकानों पर फिर से भीड़ जुटेगी.
लॉकडाउन में लोगों ने अगर सबसे ज़्यादा किसी चीज़ की कमी महसूस की, तो वो गोल-गप्पे थे.
गोल-गप्पे भारत का सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड है. मुंबइया ज़ुबान में बोलें तो पानी-पूरी. उत्तर प्रदेश में इन्हें पानी के बताशे कहते हैं, तो कोलकाता में फुचका.
लोग बता रहे थे कि उन्हें पानी-पूरी की कमी कितनी खल रही है. गोल-गप्पे खाने का मज़ा भी ठेले वाले के पास खड़े होकर खाने में ही है.
आप उसके पास प्लेट लेकर खड़े रहिए और वो आपको कुरकुरे गोल-गप्पे में मटर या आलू भर कर खट्टा, मीठा और मिर्च वाला पानी भर कर देता रहे.
मुंह में रखते ही गोल-गप्पा फूटता है और खट्टे-मीठे पानी और कुरकुरे गोल-गप्पे का जो स्वाद मुंह में गुलता है वो अद्भुत होता है. उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता.
वैसे बहुत से लोग घर पर भी बहुत स्वादिष्ट पानी-पूरी बना लेते हैं. लॉकडाउन में तो लोगों के पास इसे घर में बनाने के सिवा कोई विकल्प नहीं था.