उत्तर प्रदेश पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी विकास दुबे लगातार पुलिस से भाग रहा है. अभी तक उसका कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वो नेपाल भाग गया है. लेकिन पुलिस शिद्दत के साथ उसकी तलाश में जुटी है. उसे पकड़ने के लिए 40 टीमें गठित की गई हैं. पांच सौ से ज्यादा मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए गए हैं. विकास दुबे की खौफनाक हकीकत कभी सामने नहीं आती, अगर कानपुर में 3 जुलाई की रात वो खूनी तांडव ना करता. जुर्म की दुनिया में विकास दुबे का इतिहास करीब 20 साल पुराना है, जिसे जानकर ऐसा लगता है कि विकास दुबे यूपी के सबसे बड़े डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला की मौत के बाद उसकी जगह लेना चाहता था.
श्रीप्रकाश शुक्ला कौन था, जिसके नक्शे कदम पर चलकर विकास दुबे यूपी का सबसे बड़ा गैंगस्टर बनना चाहता था. जैसे विकास दुबे पर एक थाने में दर्जा प्राप्त मंत्री की सरेआम हत्या करने का इल्जाम था, वैसे ही श्रीप्रकाश शुक्ला ने बिहार सरकार के एक मंत्री को पटना जाकर दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला था. श्रीप्रकाश शुक्ला उत्तर प्रदेश का वो माफिया डॉन था, जिसका एनकाउंटर देश में सबसे ज्यादा चर्चित हुआ था. 90 के दशक में शुक्ला ने यूपी सरकार को उस वक्त हिलाकर रख दिया था, जब उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम की सुपारी ले ली थी.