आपको पता होना चाहिए कि बरसात के मौसम में आपकी स्किन को अधिक केयर की जरूरत होती है। इस मौसम में उमस के साथ गर्मी पड़ती है और पसीना ज्यादा आता हैं। इस मौसम में स्किन की परेशानियां, जैसे एलर्जी, फोड़े-फुंसी भी लोगों को ज्यादा निकलते हैं। इस मौसम में स्किन की खास केयर की जरूरत है, ताकि आप स्किन की बीमारियों से महफूज रहें और आप दमकी-दमकी नजर आएं।हम आपको मानसून में कुछ जरूरी स्किन केयर टिप्स और कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में आपकी मदद करेंगे।
- मानसून में भी आपकी स्किन को सूरज की हानिकारक अल्ट्रा-वायलेट किरणों से खतरा होता है, क्योंकि बीच-बीच में तेज धूप निकलती है, जो आपकी स्किन के लिए हानिकारक है। इसलिए आप हर दिन सनस्क्रीन का उपयोग करना न भूलें।
- मानसून की चिपचिपाहट आपके चेहरे पर एक्सट्रा ऑयल का कारण बन सकती है। एक्सट्रा ऑयल और गंदगी से बचने के लिए दिन में कम से कम दो-तीन बार अपना चेहरा धोएं और अपनी स्किन को एलर्जी या इंफेक्शन से बचाएं।
- इस मौसम में मुहांसों और फुंसियां होना आम है, ऐसे में आप शरीर को डिटॉक्स करने के लिए खूब पानी पिएं।
- इस मौसम में कोशिश करें कि आप मेकअप करने से बचें, क्योंकि यह पोर्स को बंद कर सकता है। ऐसे में बंद पोर्स पिंपल और ब्रेक-आउट के कारण बनते हैं।
- यूं तो त्वचा से डेड स्किन कुछ दिनों में अपने आप बाहर निकल जाती है, लेकिन कभी-कभी मृत कोशिकाएं पूरी तरह से अपने आप बाहर नहीं निकल पाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप चेहरे की त्वचा ड्राई हो जाती है और रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। एक्सफोलिएशन से इसे रोकने में मदद मिल सकती है। आप कुछ बेहतरीन एक्सफोलिएटर, जैसे- कॉफी, टी बैग, चीनी, बेकिंग सोडा, पपीता, दलिया और दही का उपयोग कर सकते हैं।
- स्किन एक्सफोलिएशन के अलावा उसकी क्लींजिंग भी जरूरी है। इसके लिए आप नारियल तेल, टी ट्री ऑयल, एप्पल साइडर विनेगर, एलोवेरा, शहद, नींबू और गुलाब जल का उपयोग कर सकते हैं।
- चेहरे को धोने या फिर मेकअप हटाने के बाद आप अपनी त्वचा की टोनिंग करें। आप एक अच्छा स्किन टोनर भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा, आप ग्रीन टी, नींबू का रस, गुलाब जल, खीरे का पानी और कैमोमाइल चाय जैसे प्राकृतिक अवयवों का उपयोग करके भी टोनिंग कर सकते हैं।
- टोनिंग के बाद आप स्किन मॉइस्चराइजिंग करना न भूलें, क्योंकि यह आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड और मुलायम रखने में मदद करता है। आप प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र के रूप में नारियल तेल, भांग के बीज का तेल और जैतून का तेल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।