पिछले कुछ महीनों से भारत चीन सीमा पर विवाद बढ़ गया है। सोमवार की रात लद्दाख के गलवां में भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई है जिसमें तीन जवानों के शहीद होने की खबर है। गालवन घाटी उन क्षेत्रों में से एक है जहां चीनी सेना ने घुसपैठ की थी। विवाद को देखते हुए दोनों देश सीमा पर अपने सैनिकों को मौजूदगी बढ़ा रहे हैं।
यह विवाद आरोप-प्रत्यारोप को लेकर हो रहा है। भारतीय सेना का कहना है कि गालवन घाटी के करीब चीनी सेना ने टेंट गाड़े हैं, जबकि चीन का आरोप है कि भारत गलवां घाटी के किनारे रक्षा संबंधी निर्माण कर रहा है जो कि गैर-कानूनी है। आइए समझते हैं भारत और चीन के बीच गालवन घाटी को लेकर विवाद क्यों है?
गालवन घाटी कितना अहम है?
सबसे पहले आपको बता दें कि गालवन घाटी अक्साई चीन में है जो कि एक विवादित क्षेत्र है। यह घाटी लद्दाख और अक्साई चीन के बीच भारत-चीन सीमा के करीब है। यहीं पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है जो कि अक्साई चीन को भारत से अलग करती है। अक्साई चीन पर दोनों देशों का दावा है। गलवां घाटी चीन के दक्षिणी शिनजियांग से लेकर भारत के लद्दाख तक फैली है। गलवां घाटी इसलिए अहम है, क्योंकि यह पाकिस्तान, चीन के शिनजियांग और लद्दाख की सीमा के साथ सटी हुई है। बता दें कि 1962 की लड़ाई के दौरान भी यह इलाका जंग का प्रमुख केंद्र रहा था।