हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। इस साल फादर्स डे 21 जून को है। इसे आधिकारिक रूप से पहली बार 19 जून 1910 को मनाया गया था। हालांकि, फादर्स डे को मनाए जाने को लेकर जानकारों में मतभेद है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को निःस्वार्थ सेवा और प्यार के बदले उन्हें सम्मान देने के लिए जागरूक करना है। इसे मदर्स डे का पूरक माना जाता है। इस दिन लोग अपने पिता को गिफ्ट, आर्चिज आदि देकर उनके प्रति सम्मान की भावना प्रकट करते हैं।
आइए, जानते हैं इसका इतिहास और महत्व -
फादर्स डे को मनाने को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। कुछ इतिहासकार का कहना है कि इसे 1907 में सबसे पहली बार वर्जीनिया में मनाया गया था। हालांकि, इसका आधिकारिक विवरण नहीं है। इसके लिए कुछ इतिहासकार 19 जून 1910 को आधिकारिक मानते हैं। इसकी शुरुआत सोनेरा डोड ने की थी। जब सोनेरा छोटी थी तो उनकी मां का निधन हो गया। उस समय सोनेरा डोड के पिता विलियम स्मार्ट ने उनकी परवरिश की। विलियम स्मार्ट ने सोनेरा डोड को मां की कमी कभी खलने नहीं दी।
जब सोनेरा बड़ी हुई, तो उसने मदर्स डे की तरह फादर्स डे मनाने पर बल दिया। उन्हीं दिनों सोनेरा ने पिता के सम्मान में फादर्स डे पहली बार मनाया था, जिसे 1924 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने आधिकारिक मंजूरी दे दी। हालांकि, 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने इसे जून महीने के तीसरे रविवार को मनाने की सहमति दी। उस समय से हर साल यह जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है।
फादर्स डे का महत्व
माता-पिता एक दूसरे के पूरक होते हैं। इन्हें ईश्वर समतुल्य दर्जा दिया गया है। एक व्यक्ति को कुशल और सफल बनाने में उसके पिता का सबसे बड़ा योगदान होता है। पिता के अथक परिश्रम और प्रयासों के बाद परिवार का पालन-पोषण होता है। अतः इस दिन का बहुत महत्व है।