5 जून को चंद्रग्रहण है। यह चंद्रग्रहण साल 2020 का दूसरा चंद्रग्रहण है इसके पहले जनवरी महीने में ग्रहण पड़ा था। 5 जून को लगने वाला चंद्रग्रहण आम चंद्रग्रहण से कुछ अलग तरह का होगा। आइए जानते हैं इस ग्रहण की कुछ खास बातें...
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर चंद्रग्रहण लगेगा। यह चंद्रग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। ग्रहण 5 जून की रात 11 बजकर 16 मिनट से लगना आरंभ हो जाएगा जो अगले दिन रात के 2 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। ग्रहण के समय चंद्रमा वृश्चिक राशि में भ्रमण करेगा।
साल 2020 का दूसरा चंद्रग्रहण ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन लगेगा। ज्योतिष में उपछाया को ग्रहण के दायरे से बाहर रखा जाता है इसलिए इस ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा। जब भी चंद्रग्रहण लगता है तो उसके पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है। चंद्रग्रहण की प्रकिया में इसे चंद्र मालिंय और penumbra कहा जाता है। उपछाया में पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं पड़ता इसमें चंद्रमा सिर्फ धुंधला सा दिखाई पड़ता है इस कारण से इसे चंद्र मालिन्य भी कहते हैं। इस वजह से इस खगोलीय घटना को चंद्रग्रहण की जगह उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं।
5 जून को लगने वाला चंद्रग्रहण यूरोप के ज्यादातर हिस्से में दिखाई देगा। इसके अलावा यह एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका समेत भारत में भी दिखाई देगा।