भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने कहा है कि कुछ निश्चित चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने का भारत का फैसला भेदभाव से परिपूर्ण और अस्पष्ट है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का यह निर्णय निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रियाओं के खिलाफ है और राष्ट्रीय सुरक्षा अपवादों का दुरुपयोग करता है। रोंग ने इस फैसले को विश्व व्यापार नियमों के खिलाफ भी बताया।
उन्हों कहा कि उपभोक्ता हितों और भारत में बाजार की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए यह निर्णय उचित नहीं है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय व्यापार और ई-कॉमर्स की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि चीन भारत सरकार के इस कदम का मजबूती से विरोध करेगा और साथ ही हम भारत से अपील करेंगे कि वह अपना भेदभाव भरा व्यवहार बदले।
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का दिया हवाला
इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कह चुके हैं कि चीन इससे चिंतित हैं और स्थिति का आकलन कर रहा है। झाओ ने कहा कि चीन सरकार हमेशा चीनी व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय कानूनों-विनियमों का पालन करने के लिए कहती है। भारत सरकार पर चीनी निवेशकों सहित अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के कानूनी अधिकारों को बनाए रखने की जिम्मेदारी है।
बता दें कि, सोमवार को भारत सरकार ने चीन को बड़ा झटका देते हुए टिक-टॉक समेत 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर दिया था। हेलो और कैम स्कैनर पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बाद से ही टिक-टॉक एप को बैन करने की मांग की जा रही थी। यूसी ब्राउजर, शेयर इट जैसे और भी बहुत से चर्चित एप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया।