प्रशासन ने सुबह 7 बजे से सायं 5 तक निर्धारित किया समय, सन्निहित सरोवर पर हवन यज्ञ करने की नहीं होगी इजाजत, सम्बन्धित एसएचओ को करना होगा सूचित
कुरुक्षेेत्र 16 मई जिलाधीश एवं उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा ने कहा कि प्रशासन ने तीर्थ पुरोहितों के लिए सन्निहित सरोवर पर कुछ शर्तों के साथ पिंडदान करने की इजाजत दी है। इस कार्य के लिए प्रशासन ने सुबह 7 बजे से सायं 5 बजे तक का समय निर्धारित किया है। लेकिन सन्निहित सरोवर पर पूजा-पाठ और हवन यज्ञ करने की इजाजत नहीं दी गई है। इतना ही नहीं तीर्थ पुरोहितों को सम्बन्धित क्षेत्र के एसएचओ को सूचित और सरकारी अस्पताल में तीर्थ यात्रियों का नाम और पता देना होगा।
उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा ने शनिवार को बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण मार्च माह से लॉकडाउन के आदेश जारी किए गए है। इस लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार के आदेशानुसार बंद रखा गया, लेकिन लॉकडाउन के तीसरे चरण में राज्य सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए कुछ रियायते दी है और इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने भी प्रशासन से निवेदन किया कि कुछ शर्तों के साथ सन्निहित सरोवर पर पिंड दान करने की इजाजत दी जाए, क्योंकि हरिद्वार में भी पिंडदान करने की इजाजत दी जा चुकी है। इन तमाम पहलुओं को देखते हुए प्रशासन ने तीर्थ पुरोहितों को कुछ शर्तों के साथ पिंड दान करने की इजाजत दी गई है।
उन्होंने कहा कि सन्निहित सरोवर पर तीर्थ पुरोहित सुबह 7 बजे से लेकर सायं 5 बजे तक पिंड दान का कार्य करवा सकते है, लेकिन सन्निहित सरोवर पर पूजा-पाठ और हवन यज्ञ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। तीर्थ पुरोहितों को यजमानों का पूरा ब्यौंरा सम्बन्धित क्षेत्र के एसएचओ को देना होगा और सरकारी अस्पताल में भी इस विषय की जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की एडवाईजरी के अनुसार मास्क पहनकर और सोशल डिस्टैंस रखकर तमाम कार्य करवाना होगा। इसके साथ ही सेनिटाईजर का प्रयोग करे और साबुन से लगातार हाथ भी धोएं। प्रशासन का सिर्फ एक मकसद है कि प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सके, यह तभी सम्भव होगा जब प्रत्येक व्यक्ति नियमों की पालना करेगा और प्रशासन का सहयोग देगा।