"राबड़ी" आमतौर पर राजस्थान और हरियाणा में बनाया जाता है, अन्य प्रदेशों में इससे मिलता जुलता पेय शायद सत्तू (चने और जौ के आटे से) के नाम से जाना जाता है।
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बाजरे का आटा (चाहें तो आधा बाजरे का और आधा जौ का आटा भी ले सकते हैं) (उदहारण के तौर पर मान लो सौ ग्राम) लगभग इतने ही दही या लस्सी में मिला कर सात आठ घंटे धूप में रख दें, अब दो बड़े गिलास लगभग 500 से 700 ml पानी में थोड़ा नमक डाल कर उबाल लें और ये मिश्रण उसमें मिला कर दो तीन उफान आने तक उबालते रहें , अब इसे पांच सात घंटे ठंडा होने के लिए रख दें, अब राबड़ी बनाने के लिए गिलास में एक हिस्सा इस मिश्रण का तीन हिस्से ठण्डी ठण्डी लस्सी के मिलाकर उसमें काला नमक, पीसा हुआ भुना जीरा और अगर चाहें तो बारीक कटे प्याज डाल कर पीजिये और आनंद लीजिये ,,, !!! :)
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सौ ग्राम आटे से लगभग सात से आठ गिलास बन जाएंगे
इसे एक या दो दिनों के हिसाब से ही बनाएं, ज़्यादा दिनों में स्वाद का फ़र्क़ पड़ेगा ,,, !!!
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