Wednesday, May 13, 2020

लॉकडाउन में सत्संग ने बदल दिया एक साधु का जीवन,समाना बाहु के कपिल शर्मा ने 4 साल साधु बनकर किया पूरे देश का भ्रमण, सत्संग भवन में बने शैल्टर होम में सत्संग सुनकर फिर से लौट आए गृहस्थ जीवन में


कुरुक्षेत्र 13 मई कोरोना वायरस के लॉकडाउन ने एक साधु का जीवन ही बदल दिया। इस साधु ने सत्संग भवन में प्रशासन द्वारा बनाए गए होम शैल्टर में सत्संग सुनते-सुनते साधु ने कर्म के मार्ग पर चलने और निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने की अलख से फिर गृहस्थ जीवन को अपना लिया। इतना ही नहीं इस युवक ने अब सत्संग भवन के साथ जुडक़र सेवा करने का मन भी बनाया है और अपने परिवार के सदस्यों के साथ फिर से गृहस्थ जीवन जीने का संकल्प भी लिया है। इस जीवन परिवर्तन के लिए समाना बाहु के इस युवक कपिल शर्मा ने प्रशासन और राधा स्वामी सत्संग के संचालकों का आभार भी व्यक्त किया है।

कुरुक्षेत्र की सीमा के साथ लगते गांव समाना बाहु के युवक कपिल शर्मा ने 4 साल पहले अपना गृहस्थ जीवन व मोह माया को छोडक़र साधु का वेष धारण कर लिया था। इस साधु जीवन में कपिल शर्मा ने अपना नाम बदलकर मुगलप्रीत पंडित नाथ रख लिया और इस साधु जीवन के दौरान हरियाणा, पंजाब, गुजरात और भारत के तमाम राज्यों का भ्रमण किया। इस दौरान कभी भोजन नहीं मिलता तो कभी पानी भी नसीब नहीं होताा था, इतना ही नहीं की कई बार इतना भोजन भी मिलता था कि खाया भी नहीं जाता था। इस साधु जीवन में सभी इच्छाएं मार कर ही आगे बढऩा पड़ता था। इस जीवन को धारण करने के लिए भगवा कपड़ा ही पहनना काफी नहीं है, अपनी आत्मा को भी मारना पड़ता है। अपने 4 साल के इस साधु वनवास में कभी भी अपने दो भाईयों और बहन के साथ-साथ परिवार के किसी भी सदस्य से बातचीत नहीं की थी।

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा के आदेशानुसार ब्रहमसरोवर के आसपास जीवन बसर करने वाले करीब 79 साधुओं को उमरी रोड़ पर स्थित सत्संग भवन में बनाए गए होम शैल्टर में ठहराया गया। इस सत्संग भवन में जहां सुबह और सायं सत्संग सुनाया जाता था, वहीं पिछले सप्ताह राधा स्वामी सत्संग ब्यास वाले महाराज गुरिन्द्र सिंह ढिल्लों ने भी व्यवस्था का आंकलन कर सभी साधु संतों से बातचीत की थी। इस बातचीत और सत्संग ने सभी साधुओं पर खासा प्रभाव छोड़ा और इनमें से कपिल शर्मा ने फिर से गृहस्थ जीवन को अपना लिया। 31 वर्षीय युवक कपिल शर्मा का कहना है कि परम पिता परमात्मा की कृपा और सत्संग ने उनका मन बदल दिया। इस सत्संग से कर्म करने का संदेश दिया गया और गृहस्थ जीवन में रहकर सेवा करने और संघर्ष करने का पाठ भी पढ़ाया गया। इन तमाम विषयों से प्रभावित हुए।

नायब तहसीलदार बलविन्द्र का कहना है कि सत्संग भवन में बनाए गए होम शैल्टर में उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा के मार्गदर्शन में सभी लोगों को घर जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई। सभी का निरंतर मेडिकल चैकअप भी करवाया गया। सत्संग भवन की संचालिक दर्शना का कहना है कि होम शैल्टर में संगत द्वारा साधु जनों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई, घर जैसा खाना दिया गया और सुबह और सायं सत्संग भी सुनाया गया। इस सत्संग का सभी पर खासा प्रभाव पड़ा है।

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