जिले में सुबह 7 बजे से सायं 5 बजे तक खुल सकते है बैनक्विट व मैरिज हॉल, सब्जी व फलों को छोडकर अन्य समान की गली-गली घूमकर बिक्री करने पर रहेगा पूर्णत: प्रतिबंध
कुरुक्षेत्र 21 मई जिलाधीश एवं डीडीएमए के चेयरमैन धीरेन्द्र खडगटा ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए 22 मई अमावस्या के दिन कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर, सन्निहित सरोवर व पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर स्नान व पिंडदान करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन आदेशों की सख्ती से पालना की जाएगी, जो भी व्यक्ति आदेशों की उल्लघंना करेगा उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188, 269 व 270 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिलाधीश ने वीरवार को जारी आदेशों में कहा कि कुरुक्षेत्र के नजदीकी जिलों कैथल, जींद, पानीपत, करनाल से श्रद्घालु तीर्थ सरोवरों में स्नान और पिंडदान करने के लिए 22 मई को अमावस्या के मौके पर कुरुक्षेत्र पहुंच सकते है। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए 22 मई को किसी तीर्थ पुरोहित को पिंडादान करवाने व श्रृद्घालु को स्नान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोई भी यात्री व श्रृद्घालु 21 मई से लेकर 22 मई तक तीर्थ स्थलों पर ना तो स्नान करेंगे और ना ही पिंडदान करेंगे। उन्होंने एसडीएम पिहोवा व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सख्ती से आदेशों की पालना करवाने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि ब्रहमसरोवर, सन्निहित सरोवर व पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर कर्मकांड व पिंडदान की अनुमति नियमानुसार प्रदान की गई है। जिसके तहत तीर्थ पुरोहितों द्वारा प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए नियमों के तहत पिंडदान का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 22 मई को अमावस्या होने के कारण आसपास के जिलों से पिंडदान व सरोवरों में स्नान करने के लिए भारी संख्या में श्रृद्घालु कुरुक्षेत्र पहुंच सकते है। इसलिए 22 मई को ब्रहमसरोवर, सन्निहित सरोवर व पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर पिंडदान व स्नान करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर कोई तीर्थ पुरोहित या श्रृद्घालु इन आदेशों की उल्लंघना करेगा तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188, 269 व 270 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सभी डयूटी मैजिस्ट्रेट व सम्बन्धित पुलिस अधिकारी इन आदेशों की दृढ़ता से पालना करवाना सुनिश्चित करेंगे।