बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा महाराष्ट्र सरकार के अखबार वितरण पर प्रतिबंध के फैसले पर सवाल उठाने के बाद राज्य सरकार ने अपने फैसले में बदलाव किया है। राज्य सरकार ने अब मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र, पुणे मेट्रोपोलिटन क्षेत्र और कोविड-19 कंटेनमेंट क्षेत्रों के अलावा बाकी स्थानी पर डोर-टू-डोर अखबार वितरण को अनुमति दे दी है। हालांकि, समाचार पत्र वितरक को मास्क का इस्तेमाल करना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मानकों का पालन करना होगा।
वहीं, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी मंगलवार को सरकार के इस फैसले के खिलाफ नोटिस भेजा था। नोटिस में इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया था। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को अखबारों की डोर-टू-डोर डिलिवरी पर प्रतिबंध लगा दिया था। पीसीआई के एक बयान के मुताबिक इस नोटिस में कहा गया है कि राज्य सरकार का यह फैसला केंद्र के उस निर्देश का पालन नहीं करता है जिसमें प्रिंट मीडिया के संचालन को अनुमति दी गई है।
कोर्ट ने कहा, अखबार वितरण पर प्रतिबंध समझ से परे
कोर्ट के आदेश में कहा गया है, 'यह भी समझ से परे है कि राज्य सरकार दुकान और स्टॉल से अखबार खरीदने की अनुमति दे रही है, फिर अखबार वितरण को अनुमति क्यों नहीं। लोगों को अखबार खरीदने की अनुमति देकर सरकार उन्हें लॉकडाउन के दौरान घर से निकलने का एक बहाना दे रही है। डोर-टू-डोर अखबार वितरण से यह सुनिश्चित होगा कि कम से कम इस कारण से लोग घर से बाहर नहीं निकलेंगे।'
अदालत ने कहा, यद्यपि, ऑनलाइन अखबार मौजूद हैं लेकिन कई लोगों के लिए उनका उपयोग करना संभव नहीं है क्योंकि या तो वह तकनीक से परिचित नहीं हैं या कागज पर ही खबरें पढ़ने के आदी हैं।