भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले चुके सिंधिया राजघराने के चश्मोचिराग ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में आने से पहले मॉर्गन स्टेनली में एक इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर काम करते थे। सिंधिया के बारे में यह बात किसी से छिपा नहीं है। लेकिन यही बात सालों बाद उनके भाजपा में शामिल होने के लिए उनके लिए कड़ी जोड़ने का काम करेगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।
यह बात भी राजनीति के गलियारों में आम हो रही है कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ड्यूश बैंक के पूर्व इंवेस्टमेंट बैंकर सैयद जफर इस्लाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी में लाने के लिए बाकायदा पटकथा लिखी। दरअसल, दोनों ही नेताओं के एक आपसी मित्र के माध्यम से करीब छह महीने पहले यह पटकथा लिखी गई। दिल्ली के कई होटलों में खाने की मेज पर हुई जफर, सिंधिया और उनके एक मित्र की मुलाकातों ने इस पटकथा की नींव रखी थी।
इसी क्रम में करीब दो महीने पहले 49 वर्षीय सिंधिया की गृहमंत्री अमित शाह से पहली मुलाकात हुई, तब शाह ही पार्टी अध्यक्ष हुआ करते थे। यह केवल एक सामान्य मुलाकात भर नहीं थी, इसके बाद सिंधिया और शाह के बीच करीब आधा दर्जन मुलाकातें और हुईं। इस दौरान जफर लगातार सिंधिया और अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच किसी सेतु की तरह काम कर रहे थे। वहीं भाजपा भी जफर और उनकी निर्णय क्षमता पर यकीन करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। इसी घटनाक्रम के बाद सिंधिया ने ऐन होली पर्व वाले दिन कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर उसका दामन छोड़ दिया।