Tuesday, March 31, 2020

कोरोना से लड़ाई : सैनिटाइजर या साबुन, जानिए कोरोना वायरस से लड़ने में कौन है ज्यादा असरदार

 



स्वास्थ्य-विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस से खुद को बचाने के लिए हाथों का बैक्टीरिया फ्री होना बेहद है। इसके लिए अपने हाथों को समय-समय पर साबुन से धोना चाहिए साथ ही हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल भी करना चाहिए। लेकिन दोनों में बेहतर क्या है अगर ये सवाल आपके दिमाग में है तो साबुन इसका जवाब है। आइए जानते हैं क्यों?



  • साबुन में फैटी एसिड और सॉल्ट जैसे तत्व होने की वजह से ये सैनिटाइजर से बेहतर होता है। साबुन में छिपे ये तत्व वायरस को पूरी तरह से निष्क्रिय कर देते हैं। जिससे आपको संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है।

  • साबुन में वायरस में मौजूद लिपिड को तेजी से मार गिराने की क्षमता है। साबुन काफी गहराई में जाकर कीटाणुओं को मारता है।





  • 60 प्रतिशत से ज्यादा अल्कोहल की मात्रा वाला सैनिटाइजर ही साबुन का विकल्प हो सकता है। तो जब भी आप बाजार जाएं सैनिटाइजर खरीदने पहले ये जरूर देख लें कि उसमें अल्कोहल की कितनी मात्रा है। 60 प्रतिशत से कम होने पर आप साबुन का इस्तेमाल ही करें तो बेहतर होगा।

  • सैनिटाइजर का प्रयोग आप ऐसी जगह कर सकते हैं जहां साबुन का विकल्प मौजूद न हो। मान लीजिए आप किसी ऐसी जगह हों जहां साबुन से बार-बार हाथ धोना संभव नहीं होता है। ऐसे में सैनिटाइजर बेहतर विकल्प है। 

  • हालांकि ट्राइक्लोसान (एक तरह का कैमिकल) का इस्तेमाल हैंड सैनिटाइजर में किया जाता है। यह केमिकल हाथों की त्वचा को सोखते हुए अंदर तक चला जाता है और कीटाणुओं को नष्ट कर देता है। एंटीबैक्टीरियल साबुन का उपयोग करना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।

  • हालांकि बाहर जाने के लिए हैंड सैनिटाइजर ज्यादा सुलभ हो सकता है, इससे लोग अपने हाथों को ज्यादा देर तक कीटाणुरहित करने में सक्षम हो सकते हैं।

  • हैंड सैनिटाइजर नोरोवायरस (जो दस्त का कारण बनता है) को छोड़कर सभी प्रकार के वायरस से लड़ने में सक्षम है। बीमारी से बचने के लिए हाथ धोने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है। कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोना बेहतर माना जाता है।

  • डॉक्टरों के मुताबिक हैंड सैनिटाइजर वायरस और कुछ बैक्टीरिया को तो जरूर मार सकता है, लेकिन यह आपके हाथों को साबुन और पानी की तरह साफ नहीं करता है। साबुन आके हाथ में मौजूद बैक्टीरिया को मारता है, पानी इसे आपके हाथों से दूर करता है। इसलिए साबुन और गुनगुने पानी से हाथ धोना सैनिटाइजर से बेहतर माना जाता है।


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आदेश व मीरी-पीरी मेडिकल कालेज में बनाया आईसीयू व आईसोलेशन वार्ड:धीरेन्द्र


कुरुक्षेत्र : उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा ने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के ईलाज के लिए आदेश मेडिकल व मीरी-पीरी मेडिकल कालेज में आईसोलेशन वार्ड स्थापित कर दिया गया है। इन दोनों मेडिकल कालेजों को प्रशासन द्वारा आरक्षित कर लिया गया है।

वे मंगलवार को शाहबाद आदेश मेडिकल कालेज व मीरी-पीरी मेडिकल कालेज में बने आईसीयू वार्डो का निरीक्षण करने के उपरांत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। इससे पहले उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा, जिला सिविल सर्जन डा. सुखबीर सिंह, डिप्टी सीएमओ आरके सहाय सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सबसे पहले आदेश मेडिकल कालेज के आईसीयू और आईसोलेशन वार्ड और उसके उपरांत मीरी-पीरी मेडिकल कालेज में बनाए गए आईसोलेशन वार्डो का निरीक्षण किया। इस दौरान उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए है।

उपायुक्त ने कहा कि जिला कुरुक्षेत्र में कोरोना वायरस को लेकर सरकार के आदेशानुसार पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रबंध किया है।  इसके लिए जहां सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस के संदिग्ध और लक्षणों वाले मरीजों की लगातार जांच की जा रही है, वहीं निजी अस्पतालों में भी वार्डो का प्रबंध किया गया है। इतना ही नहीं विदेश से आने वाले लोगों को होटलों में क्वारंटाईन करने के भी प्रबंध किए है और घरों में भी क्वारंटाईन वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है।

 

 

Saturday, March 28, 2020

मजदूरों का छलका दर्द : खाना मिलता तो तंबू में रह लेते, यूं चोरों की तरह न भागते


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा है कि सरकार 550 रैन बसेरों/सेंटरों में 4.50 लाख गरीबों को दोनों समय का खाना उपलब्ध करा रही है। कई सामाजिक-धार्मिक संगठन भी गरीब मजदूरों को खाना उपलब्ध करा रहे हैं। मगर दिल्ली से भागते गरीबों की सुनें तो समझ में आता है कि सरकार की यह मदद अभी भी सभी जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है।


 

मकान मालिक ने सामान फेंक दिया
लखनऊ के मलीहाबाद की रहने वाली गुड़िया ने रुंधे गले से सवाल किया कि अगर उन्हें खाना मिल ही जाता तो रात में चोरों की तरह क्यों भागते? मकान मालिक ने उनका सामान निकालकर बाहर फेंक दिया था। लेकिन अगर खाना मिल गया होता तो कहीं टेंट में ही रहकर जिंदगी गुजार लेते। जब खाना नहीं मिला तो वे अपनी किस्मत के भरोसे तीनों बच्चों के साथ निकल पड़ीं। वे आनंद विहार रेलवे स्टेशन की रेल पटरियों के सहारे लखनऊ के लिए निकल चुकी हैं। सड़क से जाते समय उन्हें पकड़े जाने का डर है। उन्हें अपनी मंजिल कब मिलेगी, अपने घर तक कैसे पहुंचेंगी, इसका कोई अंदाजा नहीं है। रास्ते में बच्चों की भूख कैसे मिटेगी, इस सवाल पर उनकी आंखें केवल आसमान की ओर उठ जाती हैं। उनके गले से कोई आवाज नहीं निकलती।


बस मिलने की खबरों से हुई भगदड़
शनिवार शाम तक ऐसी खबर आई कि यूपी सरकार ने लोगों को उनके घरों तक जाने के लिए बसें उपलब्ध करवा दी हैं। इस एक खबर ने यूपी-बिहार के गरीब मजदूरों में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा कर दी। सभी लोगों को लगा कि अब उनके लिए बसें मिल जाएंगी। यही कारण है कि शनिवार शाम को भारी संख्या में लोग आनंद विहार बस अड्डे पहुंचने के लिए निकल पड़े। लेकिन बस अड्डे पर ऐसे यात्रियों की संख्या बहुत ज्यादा है और बसें नाम मात्र की हैं, लिहाजा लोग किसी भी हालत में यहां से निकल जाना चाहते हैं।


कुरुक्षेेत्र जिले की प्रत्येक गली और सडक पर गूूगल मैप से होगी लोगों के एकत्रित होने पर निगरानी:स्तुति समाज सेवी स्तुति सुधा ने प्रशासन को दिया लोगों की आवा जावी पर नजर रखने का सुझाव, गूगल मैप से सम्बन्धित क्षेत्र की फोटो खींच कर डाली जाएगी वहटसएप्प गु्रप पर, पल-पल की सूचना पहुंचेगी प्रशासन के पास, कोरोना वायरस से बचाव के लिए समाजसेवी स्तुति सुधा आई आगे


कुरुक्षेत्र, 28 मार्च। कुरुक्षेत्र जिले में कोरोना वायरस से बचाव के लिए जहां पुलिस फोर्स चप्पे-चप्पे पर तैनात है और प्रशासनिक अधिकारी तथा डयूटी मैजिस्ट्रेट लोगों को घरों से बाहर ना आने की अपील कर रहे है। इन तमाम प्रयासों के बावजूद गांव व शहरों में कई जगहों पर लोग एकत्रित हो रहे है, इसलिए आमजन मानस और देश हित के लिए लोगों के एकत्रित होने पर निगरानी रखनी होगी। इस कार्य में गूगल मैप अपनी अहम भूमिका निभ सकता है। 

बैंगलोर की डेनचू व चेटनी कम्पनी की अधिकारी एवं थानेसर विधायक सुभाष सुधा की बेटी स्तुति सुधा ने शनिवार को पुलिस प्रशासन को सुझाव दिया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों के बीच में सामाजिक दूरियां बनाएं रखने और लोगों को घरों तक सीमित रखने के लिए जहां पुलिस फोर्स और अन्य प्रशासनिक अधिकारी दिन रात काम कर रहे है। इन तमाम प्रयासों के बावजूद गांव और शहरों में कई जगहों पर लोग समूह में नजर आ रहे है। इससे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बना रहता है। क्योंकि कोई भी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति दूसरों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। इसलिए लोगों के एकत्रित होने पर निगरानी रखी जानी बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रशासन गूगल मैप का भी सहारा ले सकता है, इतना ही नहीं घरों में बैठे लोग भी गूगल मैप से किसी भी क्षेत्र में लोगों के एकत्रित होने की जानकारी लेकर पुलिस प्रशासन या फिर प्रशासन द्वारा गठित किए गए कन्ट्रोल रूम में दे सकता है। इससे लोगों की भलाई होगी और प्रत्येक नागरिक देश हित के लिए अपने दायित्व को पूरा कर सकता है। 

समाजसेवी छात्रा ने कहा कि गूगल मैप से तमाम जानकारी प्रशासन तक पहुंचेगी और प्रशासन अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के माध्यम से लोगों को अपने घर रहने की अपील भी करेगा। इसके लिए नगरपरिषद भी अपनी अहम भूमिका निभा सकता है। इस प्रस्ताव को प्रशासन के साथ-साथ विधायक सुभाष सुधा के समक्ष भी रखा है। विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि इस सुझाव पर अमल किया जाएगा और नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलकर वहटसएप्प गु्रप में गूगल मैप से मिलने वाली तमाम जानकारियों को गु्रप में अपडेट किया जाएगा और इसके लिए बकायदा अधिकारियों और कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाएगी और इस प्रस्ताव को आस्था मोदी के समक्ष भी रखा गया है।

नोडल अधिकारी की निगरानी में प्रवासी व विदेशी प्रशासन के साथ नोडल अधिकारी दे रहे विदेशियों के द्वार पर दस्तक, विदेश से आने वाले व्यक्ति को किया जा रहा क्वांरटाइन, लॉकडाउन की हिदायतों का पालन करने भी दिए गए निर्देश


कुरुक्षेत्र, 28 मार्च। कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। लॉकडाउन के जरिये न केवल जनता से पालन करने की अपील की जा रही है बल्कि नोडल अधिकारी विदेशियों के द्वार पर दस्तक दे रहे हैं। यही नहीं प्रवासियों को भी प्रशासन की निगरानी में रखा जा है।

शनिवार को लॉकडाउन के चौथे दिन नोडल अधिकारी एवं परिवहन आयुक्त डॉ.एसएस फुलिया ने जिले भर में व्यवस्था का जायजा लेने के साथ विदेशों से लौटे लोगों के घरों में दस्तक दी। उन्होंने विदेशों से लौटने वाले लोगों को प्रशासन का सहयोग करने की अपील की और निर्धारित अवधि तक क्वांरटाइन ही रहने की हिदायत दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन की अनुपालना न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

परिवहन आयुक्त डॉ.एसएस फुलिया ने लॉकडाउन में प्रबंधों का निरीक्षण करते हुए पुलिस कर्मियों को सख्त हिदायत दी कि लॉकडाउन की अनुपालना न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। आवश्यक काम के लिए जाने वालों को रोका न आए और बेवजह सडक़ों पर घूमने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पुलिस यह भी निगरानी रखे कि जरूरी सामान की दुकानों पर ज्यादा भीड़ एकत्रित न हो। सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना हो, पुलिस यह भी सुनिश्चित करे। यदि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में धारा-144 की उल्लंघना की जा रही है तो तुरंत कार्रवाई की जाए। शहरी क्षेत्रों की कालोनियों व मोहल्लों में लोगों के एकत्रित होने व गांव की चौपालों व नुक्कड़ों पर एकत्रित भीड़ के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।

परिवहन आयुक्त ने पुलिस को निर्देश दिए कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्था बनाने के लिए समय-समय पर गश्त की जाए। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच, नंबरदार व चौकीदार के जरिये लॉकडाउन की स्थिति पर नजर रखी जाए।

Friday, March 27, 2020

कोरोनाः जानें- कितनी सेफ हैं सब्जियां और ग्रोसरी स्टोर का राशन?


पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जन्मी त्रासदी को झेल रही है. भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए पूरे भारत को लॉकडाउन कर दिया गया है और लोगों को घरों के अंदर भी साफ-सफाई रखने की सलाह दी जा रही है.


लोगों को घर का बना ताजा खाना ही खाने की सलाह दी जा रही है. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल हैं कि क्या सिर्फ बाहर का खाना ना खाना काफी है या फिर घर के भी कुछ खाने से बचा जाए.


हालांकि शोधकर्ताओं का अब तक यही कहना है कि COVID-19 लोगों की छींक, खांसी और सांसों से फैलता है और अब तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि ये खाने के जरिए भी फैल सकता है.


अमेरिका के फूड सेफ्टी एंड इंस्पेक्शन सर्विस के एक प्रवक्ता का कहना है कि अब तक इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं आई कि COVID-19 किसी फूड आइटम या किसी तरह की फूड पैकेजिंग से फैल रहा है.


कनाडा के मैनीटोबा विश्वविद्यालय में मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर जेसन किंडरचुक का कहना है, 'ग्रॉसरी स्टोर से सामान खरीदने में कोई खतरा नहीं है. वहां जाने से सिर्फ इसलिए मना किया जाता है कि कहीं आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आ जाएं.


Brahma Kumari: ब्रह्मकुमारी की राजयोगिनी दादी जानकी ने 104 साल की उम्र में ली अंतिम सांस


आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका और स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसेडर राजयोगिनी दादी जानकी का निधन हो गया है। वे 104 साल की थीं। उन्होंने माउंट आबू के ग्लोबल हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक उन्होंने शुक्रवार तड़के अंतिम सांस ली।


 

दादी जानकी देवी के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर बताया गया, 'प्रिय मित्रों, प्यार भरे विचारों के साथ, हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हमारी प्रिय दादी जानकी, ब्रह्म कुमारी की आध्यात्मिक प्रमुख का 27 मार्च को प्रात: दो बजे निधन हो गया है।'



राजयोगिनी दादी जानकी को मोस्ट स्टेबल माइंड इन वर्ल्ड का खिताब मिल चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दादी जानकी का अंतिम संस्कार दोपहर 3.30 बजे ब्रह्माकुमारी संस्थान के शांतिवन में किया जाएगा।

 


दुनियाभर में दादी के नाम से मशहूर राजयोगिनी दादी जानकी का जन्म आजादी के पहले भारत के हैदराबाद सिंध प्रांत में 1 जनवरी 1916 को हुआ था जो अब पाकिस्तान में चला गया है। दादी जानकी ने 21 साल की उम्र में ही आध्यात्मिक पथ पर चलने का निर्णय ले लिया था।

दादी जानकी ने मात्र चौथी कक्षा तक ही पढ़ाई की थी। बचपन से भक्ति भाव के संस्कार में पली बढ़ी दादी ने योग के जरिए विश्व के 140 से अधिक देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इस संस्था के साथ वो 1937 में जुड़ी थीं।


साल 1970 में उन्होंने भारतीय संस्कृति, मानवीय मूल्यों और राजयोग का संदेश देने के लिए पश्चिमी देशों का रुख किया था। उन्होंने विश्व के 140 देशों में ब्रह्माकुमारी केंद्रों की स्थापना की। इस दौरान उन्होंने लाखों लोगों के अंदर आध्यात्मिक चिंतन की इच्छा और मानव संस्कार के बीज बोए।


 



 

Thursday, March 26, 2020

देश के प्रतिष्ठित और दिग्गज डॉक्टरों की राय / अखबारों से कोरोनावायरस का संक्रमण फैलना नाममुकिन, इससे डरने की जरूरत नहीं


कोरोनावायरस के संक्रमण की खबरों के बीच आजकल वॉट्सएप पर आपने एक बहस और सुनी होगी। वो यह कि घर आई किस वस्तु को हाथ लगाएं, किस चीज को घर पर मंगवाएं या किस को नहीं? फिर वो चाहे ऑनलाइन डिलिवरी का पैकेट हो, ग्रॉसरी हो या फिर अखबार। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि कोरोनावायरस की किसी जीवित जंतु की कोशिकाओं को छोड़कर अधिकांश सतह पर जीवित रहने की दर अच्छी नहीं है। वायरोलॉजिस्ट्स का कहना है कि इस बात की आशंका बिल्कुल भी नहीं है कि अगर आप समाचार पत्र पढ़ते हैं तो संक्रमित हो जाएंगे।


आज अधिकांश बड़े समाचार पत्र ऑटोमैटिक मशीनों में छपते हैं। इनमें मनुष्य का दखल नहीं होता है। न्यूज प्रिंट यानी अखबार के कागज से लेकर प्रिंटिंग मटेरियल का इस्तेमाल करने व उसकी फोल्डिंग, पैकिंग और डिस्पैच तक बेहद आधुनिक तकनीक से किया जाता है। इसमें मशीनों का ही इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, अखबारों ने पाठकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर संक्रमण से बचाने के अन्य भी कई जरूरी उपाय किए हैं। अखबारों में पाठकों के काम की सर्वाधिक जानकारियां होती है। रिसर्च और तथ्याें पर आधारित। खबरों का सबसे विश्वसनीय और जरूरी स्रोत अखबार आपके लिए पूरी तरह सुरक्षित है।


वायरोलॉजिस्ट डॉ. टी जैकब जॉन ने कहा, 'हमने अभी तक नहीं सुना है कि अख़बार संक्रमण के वाहक हो सकते हैं। ऐसी संभावना लगभग शून्य है। इसमें भी एक टाइम गैप होता है, जरूरी नहीं कि जब तक कोई अख़बार को पढ़ने के लिए उठाए, तब तक वायरस जीवित रहे। जब हमारे सामने वास्तविक खतरे मौजूद हैं, तब हमें काल्पनिक खतरों के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए।'


हरियाणा में 21 दिन के लॉकडाउन का दूसरा दिन / सब्जियों के रेट बढ़े, सप्लाई भी प्रभावित; लोगों को सुबह-शाम बाहर निकलने से रोकना पुलिस के लिए चुनौती


देश में 21 दिन का लॉकडाउन का आज दूसरा दिन है। प्रदेश में बुधवार से ही पुलिस ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी थी, लेकिन सुबह और शाम को लोगों को घरों में रोकना अभी भी पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। लोग दोपहर में तो पुलिस के डर से जैसे-तैसे रुक रहे हैं, लेकिन सुबह और शाम को सड़कों पर नजर आ रहे हैं। शहरों की बनी कॉलोनियों और गांवों में स्थिति जस की तस है। लोग बेतकल्लुफी से घूम रहे हैं। हुक्का पीया जा रहा है और ताश खेले जा रहे हैं। हर जिले में सब्जियां और दालों में मुनाफाखोरी दिखने लगी है। मुनाफे के चलते कुछ लोग सब्जियों के दाम दोगुने से ज्यादा करके बेच रहे हैं। सप्लाई चेन भी प्रभावित हो रही है।


कैथल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में व्यवस्था ठीक


कैथल, कुरुक्षेत्र और यमुुनानगर में व्यवस्था ठीक है। पुलिस ने जगह-जगह नाकाबंदी कर रखी है। कुरुक्षेत्र में कुछ लोग सड़क पर दिख रहे हैं। प्रशासन ने डिलीवरी के नंबर जारी कर दिए हैं। कैथल में पुलिस गांव और शहर दोनों में गश्त कर रही है। लोगों को बाहर न निकलने की हिदायत दे रही है।



क्या 21 दिन से आगे भी बढ़ सकती है लॉकडाउन की मियाद? सरकार की तैयारी से लग रहे कयास


दुनियाभर में तबाही मचा देने वाले कोरोना वायरस ने भारत में भी अपने पैर पसार लिए हैं. गुरुवार दोपहर तक देश में इस महामारी से पीड़ित लोगों की संख्या 650 पार कर चुकी है. इस बीच ये महामारी भारत में समुदाय के बीच ना फैले ऐसे में भारत सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है. इस लॉकडाउन के दूसरे दिन मोदी सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया, लेकिन जिस तरह हर योजना को अगले तीन महीने के लिए तैयार किया गया उससे इस बात की संभावनाओं को बल मिलने लगा है कि क्या ये लॉकडाउन का संकट 21 दिनों से बड़ा होने वाला है.


सरकार ने खोला खजाना, 3 महीनों का प्लान तैयार


लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हुई जनता परेशान है और विपक्ष की ओर से आर्थिक पैकेज की मांग लगातार हो रही थी. इस बीच गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सामने आईं और 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया.


निर्मला सीतारमण ने इस दौरान महिलाओं के खाते में राशि, मुफ्त गैस सिलेंडर, किसानों को आर्थिक मदद, कर्मचारियों के ईपीएफ में मदद जैसे बड़े ऐलान किए, लेकिन इनमें सिर्फ एक ही चीज कॉमन थी वो ये कि हर चीज की तैयारी 3 महीने के लिए की गई है.


क्या 21 दिनों से आगे बढ़ सकता है लॉकडाउन?



 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश को कोरोना महामारी के मसले पर देश को संबोधित किया था, तब उन्होंने देशवासियों से दो-तीन हफ्ते मांगे थे. इसके बाद पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया, लेकिन 24 मार्च को 21 दिन का महाकर्फ्यू लगा दिया गया. यानी 14 अप्रैल तक लोगों को अपने घरों में कैद रहना है.


लेकिन अब जिस तरह से तीन महीने तक की राहतों का ऐलान किया जा रहा है, ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आगे की तैयारियों को लेकर आगे बढ़ रही है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है. सवाल उठ रहा है कि अगर कोरोना वायरस के हालात नहीं सुधरते हैं तो क्या लॉकडाउन को 21 दिन से बढ़ाकर अप्रैल-मई और जून तक जारी किया जा सकता है.


 


कोरोना वायरस: शोध में दावा, उच्च आर्द्रता वाले मौसम में कम हो जाएगा कोविड-19 का प्रसार


मैसाचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के दो शोधकर्ताओं ने 22 मार्च तक कोविड-19 के संक्रमण डाटा का विश्लेषण किया। जिसमें उन्होंने पाया कि मामलों के दो मापदंडों- तापमान और आर्द्रता के साथ सहसंबंध हैं। अध्ययन में पाया गया है कि 90 प्रतिशत मामले 3 से 17 डिग्री के बीच तापमान वाले देशों में रिपोर्ट किए गए और यहां और 4 से 9 जी/एम3 के बीच पूर्ण आर्द्रता थी।

एक शोधकर्ता युसूफ जमील ने कहा, 'तापमान, आर्द्रता और प्रसार के बीच संबंध समय के साथ विकसित हो रहा है। तापमान और कोरोनावायरस के प्रसार के बीच संबंध कमजोर दिख रहा है क्योंकि हमारे पास अमेरिका के गर्म राज्यों जैसे फ्लोरिडा और लुइसियाना और गर्म देशों जैसे ब्राजील, भारत, मलेशिया से कई नए मामले आ रहे हैं। आर्द्रता एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है क्योंकि मेरा पेपर सुझाव देता है लेकिन प्रयोगशाला में इसकी पुष्टि की जानी चाहिए।'


 वहीं भारतीय अधिकारी आर्द्रता नहीं मापते हैं। इस महीने दिल्ली में औसत सापेक्ष आर्द्रता 47 प्रतिशत, मुंबई में 60 प्रतिशत रही है। सापेक्ष आर्द्रता हवा में जलवाष्प का एक अनुपात है जो किसी दिए गए तापमान पर वाष्प की अधिकतम मात्रा को पकड़ सकता है। कोविड-19 सार्स-कोव-2 वायरस के कारण होता है। जो सार्स-कोव से काफी मिलता-जुलता है। इसका नाम सीवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम है जो सबसे पहले 2003 में सामने आया था। यह वायरस उच्च तापमान पर जीवित रहने या संक्रमित करने की क्षमता खो देता है।


 एमआईटी के शोध पहला ऐसा है जिसने यह सुझाव दिया है कि अकेले तापमान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए काफी नहीं है और आर्द्रता की भी इसमें भूमिका है। चूंकि आर्द्रता एक कारक है, तापमान में वृद्धि और गर्मियों के करीब आने से अमेरिका और यूरोप में कई क्षेत्रों को मदद नहीं मिल रही है क्योंकि वे सूखे रहते हैं।


Tuesday, March 24, 2020

Coronavirus Live Updates: देश में मरीजों की संख्या 519 हुई, 10 की मौत, 40 ठीक हुए

 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 519 हो गई है। इनमें 43 विदेशी नागरिक हैं। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र है जहां मरीजों की संख्या 107 हो गई है। वहीं केरल में 89 संक्रमित मरीज हैं। 


 कोरोना को लेकर दहशत के बीच महाराष्ट्र से अच्छी खबर आई है। राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित 12 मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए हैं। हालांकि राज्य में मंगलवार को छह और मामले सामने आने के बाद राज्य में अब तक कोरोना के मरीजों की कुल संख्या 107 हो चुकी है। 


94000 एनआरआई पंजाब लौटे, 30000 लोग आइसोलेट
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि पिछले दिनों पंजाब में 94000 एनआरआई लौट कर आए। इनमें से ज्यादातर को ट्रैक कर लिया गया है। इस समय 30000 एनआरआई आइसोलेट हैं। उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सैंपल लेकर जांच कराई जा रही है। बाकी की पहचान भी जल्दी कर ली जाएगी। 


केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने राज्यों को लिखा पत्र
केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने राज्यों को पत्र लिखकर कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल तय करने को कहा। अस्पतालों को पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वे कोविड-19 के कारण उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए अतिरिक्त चिकित्सा सुविधाओं जैसे अस्पताल, चिकित्कीय प्रयोगशालाओं, पृथक वार्ड, मौजूदा सुविधाओं के विस्तार और उन्नयन के लिए राजकोषीय संसाधनों का उपयोग करें ।
पिछले 40 घंटों में दिल्ली में कोरोना का नया केस नहीं
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बताया कि पिछले 40 घंटों में दिल्ली में कोरोना से कोई नया संक्रमित नहीं मिला है। किसी का टेस्ट पॉजिटिव नहीं है। 30 मरीजों में से कुछ मरीज घर चले गए हैं। अभी केवल 23 मरीज हैं। साथ ही केजरीवाल ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण विनिर्माण कार्यों में लगे मजदूरों की आजीविका प्रभावित हुई है, इसलिए दिल्ली सरकार उन्हें पांच-पांच हजार रुपये देगी। हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, हमें एक-दूसरे की मदद करनी होगी।


Wednesday, March 11, 2020

करिश्मा कपूर को सेक्सी सेक्सी गाने के खिलाफ प्रतिक्रिया को याद करते हुए बयां किया दर्द, 'आज अभिनेत्रियों ने छोटे शॉर्ट्स पहने हैं, मैं काफी कवर किया हुआ था'





बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा करिश्मा कपूर लंबे समय बाद एक बार फिर से अपने अभिनय से लाखों दिलों की जीतती नजर आएंगी हैं। वह वेब सीरीज 'मेंटलहुड' से एक बार फिर से अभिनय की दुनिया में वापसी कर रही हैं। इन दिनों करिश्मा अपनी इस वेब सीरीज का जोर-शोर से प्रमोशन भी कर रही हैं। 'मेंटलहुड' के प्रमोशन के दौरान करिश्मा कपूर अपने फिल्मी सफर और निजी जिंदगी के बारे में ढेर सारे खुलासे भी कर रही हैं।

करिश्मा कपूर ने इस बार अपने सुपरहिट गाने सेक्सी सेक्सी को लेकर बड़ी बात बोली है। दरअसल साल 1994 में करिश्मा कपूर की फिल्म खुद्दार आई थी। इस फिल्म के एक गाने के बोल 'सेक्सी सेक्सी मुझे लोग बोलें' थे, लेकिन इस गाने के 'सेक्सी' बोल को लेकर काफी विवाद हुआ, जिसके बाद फिल्ममेकर्स को इस गाने के बोल बदलकर 'बेबी बेबी मुझे लोग बोले' करना पड़ा। 26 साल बाद इस गाने के बोलकर को लेकर करिश्मा कपूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। 



अंग्रेजी वेबसाइट पिंकविला की खबर के अनुसार करिश्मा कपूर ने कहा, 'जब मैंने 'सेक्सी सेक्सी मुझे लोग बोलें' गाना किया तो काफी विवाद हुआ, लेकिन आज के समय में इस शब्द का काफी इस्तेमाल किया जाता है। आज की अभिनेत्रियां टाईट शॉर्ट्स और बिकिनी पहनती हैं, लेकिन मेरे समय में मैंने काफी ढंग की ड्रेस पहनी हुई थी फिर भी ज्यादातर लोग मुझे बोल रहे थे कि ये कैसा गाना है। मैं उस समय काफी यंग थी और वो डांस परफॉर्मेंस करते हुए मेरे घुटने और कोहनी में चोट भी लग गई थी, मुझे लगा लोग मेरी परफॉर्मेंस की तारीफ करेंगे।'



करिश्मा कपूर ने आगे कहा कि, 'कुछ लोगों ने मेरी परफॉर्मेंस की काफी तारीफ की, लेकिन कुछ ऐसी भी दर्शक थे जो बोल रहे थे कि ये कैसे शब्द हैं। आखिरीकार इस गाने के शब्दों को बदलना पड़ा, लेकिन 'सेक्सी सेक्सी' गाना आज भी हर जगह है। गौरतलब है कि सेक्सी सेक्सी गाने को मशहूर गायक अनु मलिक और अलीशा चिनॉय ने गाया है। फिल्म खुद्दार में करिश्मा कपूर के साथ मशहूर कलाकार गोविंदा मुख्य भूमिका में थे।

 










कैसे लिखी गयी ज्योतिरादित्य सिंधिया को भारतीय जनता पार्टी में शामिल करने की पटकथा


भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले चुके सिंधिया राजघराने के चश्मोचिराग ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में आने से पहले मॉर्गन स्टेनली में एक इंवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर काम करते थे। सिंधिया के बारे में यह बात किसी से छिपा नहीं है। लेकिन यही बात सालों बाद उनके भाजपा में शामिल होने के लिए उनके लिए कड़ी जोड़ने का काम करेगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।


 

यह बात भी राजनीति के गलियारों में आम हो रही है कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ड्यूश बैंक के पूर्व इंवेस्टमेंट बैंकर सैयद जफर इस्लाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी में लाने के लिए बाकायदा पटकथा लिखी। दरअसल, दोनों ही नेताओं के एक आपसी मित्र के माध्यम से करीब छह महीने पहले यह पटकथा लिखी गई। दिल्ली के कई होटलों में खाने की मेज पर हुई जफर, सिंधिया और उनके एक मित्र की मुलाकातों ने इस पटकथा की नींव रखी थी।


 इसी क्रम में करीब दो महीने पहले 49 वर्षीय सिंधिया की गृहमंत्री अमित शाह से पहली मुलाकात हुई, तब शाह ही पार्टी अध्यक्ष हुआ करते थे। यह केवल एक सामान्य मुलाकात भर नहीं थी, इसके बाद सिंधिया और शाह के बीच करीब आधा दर्जन मुलाकातें और हुईं। इस दौरान जफर लगातार सिंधिया और अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच किसी सेतु की तरह काम कर रहे थे। वहीं भाजपा भी जफर और उनकी निर्णय क्षमता पर यकीन करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। इसी घटनाक्रम के बाद सिंधिया ने ऐन होली पर्व वाले दिन कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर उसका दामन छोड़ दिया।


Monday, March 9, 2020

धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव की तरह मनाया जाएगा होली महोत्सव, पहली बार पुरुषोतमपुरा बाग में फुलों से खेली जाएगी होली, सांसद नायब सिंह सैनी के प्रयासों से शुरु होंगे यह कार्यक्रम, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद भी करेंगे होली महोत्सव में शिरकत


कुरुक्षेत्र 8 मार्च कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र में पहली बार सांसद नायब सिंह सैनी के प्रयासों से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव की तर्ज पर होली महोत्सव का आगाज किया जा रहा है। इस महोत्स्व को आने वाले समय में लगातार बड़ा स्वरुप दिया जाएगा और इस पावन धरा से सभी नागरिकों को पानी बचाने का संदेश देने के लिए फुलों से होली खेली जाएगी। अहम पहलू यह है कि जिस प्रकार आगरा की पेठे की मिठाई, मथुरा के पेड़े की विशेष पहचान है, ठीक इसी प्रकार इस होली के पर्व पर कुरुक्षेत्र के लड्डïुओं के प्रसाद की पहचान दिलाने की रिवायत को शुरु किया जा रहा है। इन सभी कार्यक्रमों का शुभारम्भ सांसद नायब सिंह सैनी व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद 10 मार्च को सुबह 9 बजे पुरुषोतम पुरा बाग ब्रहमसरोवर किया जाएगा। इतना ही नहीं सांसद नायब सिंह सैनी ने भी शहरवासियों से इस होली महोत्सव में पहुंचने का आग्रह किया है।

केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने आज यहां बातचीत करते हुए बताया कि कुरुक्षेत्र में सासंद नायब सिंह सैनी के प्रयासों से पहली बार कुरुक्षेत्र होली महोत्सव की शुरुआत की जा रही है। इस महोत्सव में सभी समाजिक और धार्मिक संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है। इतना ही नहीं शहरवासियों को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आग्रह किया गया है। इस होली महोत्सव को सभी एक साथ मिलकर खेलेंगे और इस महोत्सव में रंगों की बजाए फुलों से होली खेली जाएगी ताकि कुरुक्षेत्र की पावन धरा से पानी बचाने का संदेश भी मिल सके। इस होली महोत्सव को कुरुक्षेत्र का विशेष महोत्सव बनाने का प्रयास किया जाएगा और आने वाले समय में इस महोत्सव को ओर बड़े स्तर पर मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ 10 मार्च को सुबह 9 बजे पुरुषोतमपुरा बाग में सांसद नायब सिंह सैनी व गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद करेंगे और इस दौरान भजनों का भी गुणगान किया जाएगा।

मानद सचिव ने कहा कि जिस प्रकार आगरा में पेठे की मिठाई, मथुरा में पेड़े, गोहाना का जलेब, रोहतक की बर्फी, पूंडरी की फिरनी आदि मशहूर है, उसी प्रकार कुरुक्षेत्र के लड्डïू के प्रसाद को भी पूरी दुनिया में जाना जाए, इसलिए लड्डïू प्रसाद की शुरुआत भी 10 मार्च को होली महोत्सव से की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र के लड्डïू का प्रसाद आने वाले समय में अपनी विशेष पहचान बनाएंगा ताकि दूर दराज से आने वाले लोग इस प्रसाद को बड़े चाव के साथ खरीदे। इन कार्यक्रमों के उपरांत पुरुषोतमपुरा बाग में ही दोपहर 1 बजे भोजन प्रसाद का भी प्रबंध किया गया है। इन सभी कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर शहरवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

 

कोरोनावायरसः न खरीदें महंगा सेनिटाइजर, बीच-बीच में हाथ धो कर संक्रमण को रखें दूर

 



कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों के बीच घबराहट में फेस मास्क लगाने की होड़ सी लग गई है। इसी तरह हाथ को साफ करने वाले सेनिटाइजर की मांग भी अचानक बढ़ गई है। इसकी वजह से बाजार में फेस मास्क और सेनिटाइजर की कीमतों में भारी उछाल आ गया है।


 


 

लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि केवल बीमार लोगों को ही फेस मास्क लगाने की आवश्यकता है। इसके पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बिना आवश्यकता के फेस मास्क लगाने से बचने की सलाह दी धी।

सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अऱविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल और संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की, और कोरोना से निबटने की तैयारियों का जायजा लिया।

बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हाथों को साफ रखने के लिए भी सेनिटाइजर को महंगे दामों पर खरीदने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आम साबुन से भी समय-समय पर हाथ को धोया जाए, तो भी कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामलों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। एम्स और राम मनोहर लोहिया अस्पतालों में इसकी चेकिंग की उचित व्यवस्था की जा चुकी है।


Thursday, March 5, 2020

गर्ग एंड कम्पनी करेगी पिपली से थर्ड गेट तक सिक्स लैन सडक़ का निर्माण:सुधा पिपली से थर्ड गेट की सडक़ का खुला टेंडर, गर्ग एंड कम्पनी को मिलेगा टेंडर, 57 करोड़ रुपए का बजट होगा खर्च, औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आगामी 15 दिनों में शुरु होगा काम, 8 कम्पनियों ने भरा था टेंडर, 7 कम्पनियां मिली योग्य, सबसे कम रेट 44 करोड़ 23 लाख होने पर गर्ग एंड कम्पनी का खुला टेंडर


कुरुक्षेत्र 5 मार्च विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि शहर वासियों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने पिपली से थर्ड गेट तक सिक्स लैन सडक़ बनाने का टेंडर खोल दिया है। इस टेंडर प्रक्रिया में गर्ग एंड कम्पनी को सबसे कम रेट होने पर इस कम्पनी को टेंडर आवंटित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। इस सडक़ का निर्माण शीघ्र ही गर्ग एंड कम्पनी द्वारा शुरु कर दिया जाएगा। इस कम्पनी ने सिविल वर्क के लिए 44 करोड़ 23 लाख रुपए की राशि भरी है, हालांकि बिजली, पानी निकासी, पैबर ब्लाक आदि तमाम कार्यो सहित इस प्रोजैक्ट पर करीब 57 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।

उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि लम्बे अर्से से पिपली से थर्ड गेट तक सडक़ निर्माण कार्य रुका हुआ था, इस सडक़ के नवीनीकरण और सौंदर्यकरण के लिए काफी प्रयास किए गए और इन प्रयासों के कारण सडक़ का निर्माण कार्य शुरु भी हुआ, लेकिन ठेकेदार द्वारा कार्य छोडक़र जाने और उसके उपरांत कुछ तकनीकी कमियों के कारण सडक़ का निर्माण कार्य रुका रहा, लेकिन इस सडक़ के निर्माण कार्य को शीघ्र शुरु करने को लेकर लगातार प्रयास जारी रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सख्त आदेशों के बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा पिपली से थर्ड गेट तक सडक़ निर्माण कार्य के लिए टेंडर खोलने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। इस सडक़ के लिए कुल 8 कम्पनियों ने टेंडर भरा था और तकनीकी बीड खुलने के बाद एक कम्पनी शर्ते पूरी नहीं कर पाई। इसलिए 7 कम्पनियों की फाईनेंशल बीड को भी खोल दिया गया है, इस बीड में गर्ग एंड कम्पनी ने सबसे कम रेट 44 करोड़ 23 लाख रुपए भरा है, इसलिए इस कम्पनी को टेंडर अलाट करने की फाईल को नियमानुसार सरकार के पास सम्बन्धित कमेटी द्वारा भेज दिया गया है। अब आगामी 10-15 दिनों में टेंडर अलाटमेंट की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद गर्ग एंड कम्पनी को टेंडर अलाट कर दिया जाएगा और इस अलाटमेंट के तुरंत बाद सडक़ निर्माण कार्य को शुरु कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं इस सडक़ का निर्माण कार्य पूरा करने लक्ष्य 15 महीनों का रखा गया है।

विधायक ने कहा कि इस सडक़ के सिविल वर्क पर लोक निर्माण विभाग की तरफ से 44 करोड़ 23 लाख रुपए का बजट खर्च किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न कार्यो सहित इस प्रोजैक्ट पर तकरीबन 57 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इस सडक़ को पिपली से थर्ड गेट तक सिक्स लैन बनाया जाएगा। सिक्स लैन के दोनों तरफ पानी निकासी के लिए नाला बनाया जाएगा और सडक़ के बीच मीडियम को भी भव्य स्वरुप दिया जाएगा। इस सडक़ के मार्ग में आने वाले आरओबी के उपर की भी सडक़ का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा सिक्स लैन के बाद जहां भी जगह मिलेंगी वहां पर पैबर ब्लाक लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस सडक़ के निर्माण कार्य को पूरा करने का समय 1 साल 3 महीने निर्धारित किया गया है, लेकिन प्रयास किया जाएगा कि सडक़ का निर्माण कार्य तेजी के साथ पूरा किया जाए, क्योंकि इस सडक़ के निर्माण कार्य को शुरु होने में पहले भी काफी देरी हो चुकी है, जिसके कारण शहरवासियों के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का शहरवासियों की तरफ से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सडक़ शहरवासियों के लिए एक परेशानी बन चुकी थी, जहां प्रतिदिन ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की सम्भावना बनी रहती थी, वहीं धूल मिट्टïी से व्यवसाय पर भी काफी फर्क पड़ा। अब सरकार मुख्यमंत्री के प्रयासों से इस सडक़ का निर्माण कार्य जल्द शुरु हो जाएगा और लोगों को भी सडक़ बनने के बाद बहुत बड़ी राहत मिलेगी। विधायक ने कहा कि इस सडक़ के साथ ही ऐलिवेटिड रेल ट्रैक के प्रोजैक्ट को भी शुरु कर दिया जाएगा। इस प्रोजैक्ट पर सरकार की तरफ से करीब 225 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा शहरवासियों को ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बजट में भी कुरुक्षेत्र बाईपास का प्रावधान किया है।

120 घंटे बाद मात्र दो मिनट में खत्म हो जाएगा कोरोनावायरस, बस तापमान बढ़ने का है इंतजार


 कोरोनावायरस को लेकर कई तरह की रिपोर्ट और दावे सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि जैसे ही तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचेगा, तो यह वायरस अपने आप खत्म हो जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, 10 मार्च को तापमान 26 डिग्री रहने का अनुमान है। उसके बाद 12 मार्च को 29 डिग्री और 16 मार्च को पारा 31 डिग्री तक पहुंच सकता है। 


 अभी तक इस वायरस को लेकर जितनी भी रिसर्च हुई हैं, उनसे मालूम हुआ है कि कोरोनावायरस दो से चार फीसदी मामलों में ही घातक साबित हुआ है। दरअसल, यह एक ऐसा वायरस है जो पुराना है, मगर नए पैटर्न के साथ सामने आ रहा है। डब्लूएचओ और कई संगठन इस बाबत लगातार रिसर्च कर रहे हैं।।


 इतना जरूर है कि अगले एक सप्ताह जैसे ही पारा बढ़ेगा, तो कोरोनावायरस का प्रभाव कम होना शुरू हो जाएगा। सही तापमान और निर्धारित समयावधि पर अभी रिसर्च जारी है।


Monday, March 2, 2020

निर्भया केसः एक बार फिर टली दोषियों की फांसी, अगले आदेश तक करना होगा इंतजार

 


निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा एक बार फिर टल गई है। पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। कोर्ट का कहना पवन की दया याचिका अभी लंबित है। ऐसे में दोषियों को अभी फांसी देना ठीक नहीं होगा। हालांकि सुबह कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। बता दें कि दोषी पवन की आज क्यूरेटिव याचिका खारिज हो चुकी है। 


आज अदालत में किसने क्या कहा, हुई तीखी बहस



  • नवाई शुरू हुई तो सरकारी वकील ने कहा कि मैं अक्षय की बात पहले करता हूं। उसने 31 जनवरी को दया याचिका दायर की। उसके अगले ही दिन अक्षय ने सचिवालय में खत लिखा कि उसकी याचिका में कुछ दस्तावेज नहीं है तो उसे वो दस्तावेज फाइल करने की इजाजत दे दी गई।

  • सरकारी वकील ने आगे बताया कि जेल प्रशासन ने सभी जरूरी दस्तावेज याचिका के साथ अटैच किए और तीन फरवरी को राष्ट्रपति को भेज दी। उन्होंने आगे बताया कि तब राष्ट्रपति ने सभी दस्तावेजों को देखा और 5 फरवरी को दया याचिका खारिज कर दी। इसलिए ये कहना कि दस्तावेज अधूरे थे गलत है।

  • सरकारी वकली ने फिर दलील दी कि इस वजह से अक्षय दोबारा दया याचिका नहीं डाल सकता और हमें इस दया याचिका के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।

  • सरकारी वकील ने आगे पवन की याचिका पर दलील देते हुए कहा कि पवन ने क्यूरेटिव याचिका डाली है जिस पर आज सुबह 10.25 बजे सुनवाई होगी।

  • जहां तक क्यूरेटिव याचिका की बात है तो अदालत कुछ समय के लिए इंतजार करे। जहां तक अन्य तीन दोषियों की बात है तो कोई याचिका लंबित नहीं है। सरकारी वकील ने कहा कि मैंने आपको सभी दोषियों के उपलब्ध कानूनी विकल्प का ताजा चार्ट दिया है।

  • तब जज ने पूछा कि अक्षय की दया याचिका खारिज होने के बारे में आपको कब पता चला। तो दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि 5 फरवरी को। इस पर जज ने एपी सिंह से पूछा कि आपने सभी दस्तावेजों वाली पूर्ण दया याचिका कब फाइल की? इस पर सरकारी वकील बीच में बोले कि जज साहब वो पहले से ही कंप्लीट थी। जज को ये भी बताया गया कि 9 जुलाई 2018 को पवन की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई थी।

  • जज ने पूछा किस प्रावधान के तहत अदालत फांसी पर रोक लगा सकती है? तब एपी सिंह बोले दिल्ली जेल नियम 836 के अनुसार।

  • इस पर सरकारी वकील ने जज से कहा कि आप सुबह 11 बजे तक इंतजार कर लीजिए तब तक पवन की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ जाएगा। इसके बाद अदालत ने थोड़ी देर के लिए सुनवाई रोक दी।

  • इसके बाद एपी सिंह के वकालतनामे पर बहस करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आप एपी सिंह के ताजा वकालतनामे को देखिए क्योंकि पहले इन्होंने पवन का वकील होने से मना कर दिया था। अदालत ने इस पर कहा कि बिना मतलब मेरा समय इन बेकार की बातों में खराब किया जा रहा है।

  • अदालत को बताया गया कि चुनाव आयोग के सामने विनय की एक याचिका लंबित है। कहा गया कि दोषी कानून का फायदा उठा रहे हैं और हर तरह से फांसी में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं।

  • अदालत ने यह नोट किया कि अक्षय की दया याचिका 31 जनवरी को दायर की गई थी। इसके बाद राष्ट्रपति के सचिव ने गृहमंत्रालय के जरिए जेल प्रशासन को यह निर्देश दिया था कि 1 फरवरी को लिखे एपी सिंह के खत पर अपना जवाब दे कि पूरे कागजात पूर्ण क्यों नहीं हैं।

  • इस पर जेल अधीक्षक ने तीन फरवरी की एक रिपोर्ट अदालत में दी जिसमें बताया गया कि सभी जरूरी दस्तावेज भेज दिए गए थे। इसके साथ ही बताया कि सरकार को अभी तक अक्षय की नई दया याचिका की कोई जानकारी नहीं है।

  • पवन की क्यूरेटिव याचिका के बारे में बताया गया कि ये भी देर दायर की गई है और यह फांसी रोकने का आधार नहीं बन सकता।

  • वहीं सुप्रीम कोर्ट में दोषियों को अलग-अगल फांसी देने की जो याचिका दायर है उसके बारे में खुद उच्चतम न्यायालय ने 14 फरवरी के आदेश में कहा था कि इस कोर्ट में कोई याचिका लंबित हो तो उसका असर फांसी की तारीख पर नहीं पड़ेगा।

  • तब जज बोले कि ऐसा कोई कानूनी आधार नहीं है जिसके अनुसार फांसी पर रोक लगाई जा सके।

  • दिल्ली कैदी नियम 858 के अनुसार अन्य दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती जब तक पवन की दया याचिका खारिज नहीं होती। जज ने ये भी कहा कि अक्षय ने पूर्ण याचिका दायर नहीं की थी इसलिए वह नई दया याचिका दायर कर सकता है।

  • निर्भया के वकील ने अदालत को बताया कि एपी सिंह पर बार काउंसिल ने 25000 का फाइन भी लगाया था, इसलिए अदालत उनके नए वकालतनामे को देखे। तब जज ने कहा कि मैं ये नहीं करूंगा।

  • जज ने एपी सिंह से फिर पूछा कि आपको जब दया याचिका खारिज होने के बारे में 5 फरवरी को पता चल गया था तो आपने 29 तारीख तक इंतजार नई याचिका डालने के लिए क्यों किया?

  • एपी सिंह ने कहा मुझे 5 फरवरी को दया याचिका खारिज होने के बारे में नहीं पता था। मुझे ये जेल में पता चला। अक्षय की पत्नी गरीबी रेखा के नीचे आने वाला दस्तावेज तैयार करा रही थी। इस पर जज ने कहा कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? आपने अपने क्लाइंट को फांसी के आखिरी घंटे तक छोड़ दिया और अब याचिका दायर कर रहे हैं?

  • तब एपी सिंह ने कहा कि नहीं जज साहब, मैं दस्तावेजों का इंतजार कर रहा था। तब जज बोले तब आप अच्छे से कानूनी सहायता नहीं दे रहे।

  • इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए दोषियों की फांसी पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी।

  • इसके बाद वकील एपी सिंह ने कुछ देर बात अदालत को फिर यह बताया कि पवन की दया याचिका दायर की गई है
    अदालत उसे भी देखे। इस पर अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया है |



Sunday, March 1, 2020

दिल्ली की हिंसा में जान गंवाने वाले कौन? / 42 की मौत, 30 की पहचान


 पांच दिन से दिल्ली में तनाव है। 23 फरवरी की रात को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर भीड़ के इकट्ठा होने के बाद भड़की हिंसा, दंगो में तब्दील हो गई। इन दंगों में अब तक 42 की मौत हो चुकी है, जबकि 350 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा थमने की बजाय रोज बढ़ता ही जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, ज्यादातर लोगों की मौत गोली लगने की वजह से हुई है। जबकि कुछ लोगों की मौत दंगाइयों के हमले से हुई। मरने वालों में सबसे उम्रदराज 85 साल की अकबरी हैं। अकबरी का घर दंगाइयों ने जला दिया। उस वक्त वे घर पर ही थीं। जबकि, सबसे छोटे हाशिम और अमान थे। दोनों की उम्र 17 साल ही थी। हाशिम भाई के साथ परिवार वालों के पास जा रहे थे, तभी उन्हें दंगाइयों ने मार दिया और अमान घर से दूध लेने निकले थे, तभी उन्हें गोली मार दी। दिल्ली के करीब 15 इलाकों में दंगे भड़के। कई लोग जिंदा जला दिए गए, तो कई लोगों को चाकू-तलवार जैसे धारदार हथियारों से हमला कर मार दिया गया। दंगों में जान गंवाने वालों में ज्यादातर लोग गरीब थे। अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले भी। किसी की हफ्तेभर पहले ही शादी हुई थी, तो किसी की पत्नी प्रेग्नेंट थी। अभी तक मरने वाले 42 लोगों में से 30 की पहचान हो गई है।


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