दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का दावा है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में पांच जनवरी को हुई हिंसा के सिलसिले में नौ छात्रों की पहचान कर ली गई है.
डीसीपी (क्राइम ब्रांच) जॉय तिरकी ने शुक्रवार शाम एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके बताया कि पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें और वीडियो की मदद से नौ छात्रों की पहचान की है और उन्हें इस बारे में जल्दी ही नोटिस भेजा जाएगा.
इन छात्रों में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष, जेएनयू छात्रसंघ की काउंसलर सुचेता ताल्लुकदार, चुनचुन कुमार, प्रिया रंजन,डोलन सामंत, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल, पंकज मिश्रा और वास्कर विजय शामिल हैं.
वहीं, जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा है कि पुलिस के संदिग्ध कहने से कोई संदिग्ध नहीं हो जाता. उन्होंने कहा, "मुझे इस देश की न्याय-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और मुझे उम्मीद है कि असली दोषियों का पता चल ही जाएगा.''
पुलिस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि जेएनयू में तीन जनवरी से ही तनाव का माहौल था जो पांच जनवरी की शाम हुई हिंसा के रूप में नज़र आया.
डीसीपी जॉय तिरकी ने कहा कि वाम दलों के चार छात्र संगठन एआईएसएफ़ (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन),आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन), स्टूडेंट्स फ़ेडरशेन ऑफ़ इंडिया (एसएफ़आई) और डीएसएफ़ (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन) पिछले कुछ दिनों से विंटर रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ''फ़ीस वृद्धि और नए हॉस्टल मैनुअल के ख़िलाफ़ महीनों से प्रदर्शन कर रहे वाम छात्र संगठन नए शैक्षणिक सत्र और रजिस्ट्रेशन का भी विरोध कर रहे थे. वो रजिस्ट्रेशन के इच्छुक छात्रों को भी रोक रहे थे.''