हल्दी भारतीय खाने का अहम हिस्सा है। चाहे दाल हो या फिर सब्जी इनमें हल्दी का इस्तेमाल जरूर होता है। आमतौर पर खाने में हल्दी पाउडर का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन सर्दियों के सीजन में मार्केट में कच्ची हल्दी भी उपलब्ध हो जाती है। अदरक सी दिखने वाली इस हल्दी में इतने गुण होते हैं कि ठंड में भी यह आपको फिट बनाए रखने में मदद करेगी।
कच्ची हल्दी में ऐंटी-इन्फ्लेमेटरी और ऐंटीबैक्टीरियल कम्पाउंड होते हैं, जो वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया को शरीर से दूर रखने में मदद करते हैं। इस वजह से ठंड के मौसम में आमतौर पर होने वाली जुकाम और खांसी जैसी बीमारियां शरीर को जकड़ नहीं पाती हैं। अगर कोई इससे पहले से पीड़ित है और अगर वह कच्ची हल्दी रोज खाए तो उसे जल्दी ठीक होने में भी मदद मिलती है।
रोज कच्ची हल्दी खाने से शरीर में ऐंटीऑक्सिडेंट एंजाइम्स बूस्ट होते हैं, जो शरीर की इम्युनिटी को भी बूस्ट मिलता है। इससे बॉडी को वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है।
कच्ची हल्दी खून की धमनियों में मौजूद एन्डोथीलीअम के फंक्शन को सुधारती है। इससे ब्लड प्रेशर, ब्लड क्लॉटिंग जैसी कई समस्याएं दूर रहती हैं। साथ ही में यह इन्फ्लेमेशन और ऑक्सिडेशन को कम करती है। ये सभी फैक्टर कंट्रोल में रहने पर दिल की बीमारी होने का खतरा भी अपने आप कम हो जाता है।
डिप्रेशन के कारणों में से एक ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रॉपिक फैक्टर (BDNF) में कमी है। कच्ची हल्दी इस फैक्टर को कम करने में काफी मदद करती है। यह न्यूरोट्रांसमिटर सेरोटॉनिन और डोपामाइन को बूस्ट करता है जो डिप्रेशन को कम करने में मदद करते हैं। ऐसे लोग जो पहले से डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, उन्हें रोज कच्ची हल्दी जरूर खाना चाहिए।
सर्दियों में पाचन क्रिया आमतौर पर स्लो हो जाती है जिससे अक्सर लोग पेट खराब होने की शिकायत करते हैं। कच्ची हल्दी इस स्थिति में राहत देती है और खाने के बेहतर तरीके से पचाने में मदद करती है।