गीता महोत्सव के अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सानिध्य में कृष्ण कृपा व जिओ परिवार द्वारा ब्रह्मïसरोवर की भजन कीर्तन के साथ परिक्रमा की गई। गीता जी को शिरोधारिया करके सरोवर के मुख्य द्वार से यह परिक्रमा प्रारम्भ हुई और वहीं पर आकर सम्पन्न हुई। परिक्रमा में सैंकडों श्रद्घालुओं ने भाग लिया, परिक्रमा के दौरान राधा और कृष्ण भाव के गाए गए भजनों से ब्रह्मïसरोवर का वातावरण कृष्णराधामय हो गया। परिक्रमा में शामिल श्रद्घालु भजनों पर खूब झूमे, परिक्रमा के समापन पर गीता मनीषी ने नतमस्तक होकर ब्रह्मïसरोवर को प्रणाम किया।
इसके बाद स्वामी ज्ञानानंद जी श्रद्घालुओं के साथ गीता की जन्म स्थली ज्योतिसर पहुंचें और वहां पर जाकर भी भजन कीर्तन के साथ गीता की जन्मस्थली को नमन किया। परिक्रमा के बाद गीता ज्ञानम संस्थानम में गीता यज्ञ का समापन हुआ। गीता मनीषी ने सैंकडों श्रद्घालुओं के साथ यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली, गीता मनीषी ने देशवासियों को गीता महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गीता का स्मरण करके ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत एक दिन दोबारा से एक बार फिर विश्वगुरू का दर्जा हासिल करेगा। स्वामी जी ने कहा कि जिओ गीता परिवार का उद्देश्य है कि घर-घर में गीता पाठ हो और इसके लिए कृष्ण कृपा व जीओ गीता परिवार के सदस्य प्रयासरथ है।