कुरुक्षेत्र 26 दिसम्बर: सूर्य ग्रहण के अवसर देश-विदेश के कोने-कोने से आए श्रृद्घालुओं ने कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर में आस्था की डूबकी लगाई और पुण्य के भागीदार बने। इस पवित्र सरोवर में सूर्य ग्रहण के समय स्नान करके श्रृद्घालुओं ने सैंकड़ों अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य कमाया। इस ब्रहमसरोवर, सन्निहित सरोवर, ज्योतिसर और पिहोवा सरस्वती तीर्थ में महिलाओं ने भजन गाते हुए और जयघोष की ध्वनि के बीच स्नान किया। इस सूर्यग्रहण का कुरुक्षेत्र में करीब 2 घंटे 36 मिनट तक प्रभाव रहा। सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर सूर्य ग्रहण स्पर्श के समय स्नान किया और 10 बजकर 55 मिनट परा जैसे ही आंशिक सूर्यग्रहण हुआ तो श्रद्धालुओं ने दोबारा मोक्ष की डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की।
सूर्य ग्रहण के अवसर पर गत्त देर रात्रि ही नेपाल, पंजाब, बनारस, अयोधा, पश्चिम बंगाल, तमिलनायडू्र हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से श्रृद्घालु कुरुक्षेत्र के ब्रहमसरोवर, सन्निहित सरोवर, मेला क्षेत्र और आसपास की धर्मशालाओं में पंहुचना शुरु हो गए थे। वीरवार को सुबह हरियाणा और आसपास के राज्यों से श्रृद्घालु रेल और बस मार्ग से कुरुक्षेत्र में पहुंचे। इन श्रृद्घालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन की तरफ से यातायात, पार्किंग, स्वागत कक्ष, सूचना केन्द्र सहित अन्य व्यवस्थाएं की गई थी। श्रृद्घालुओं ने ब्रहमसरोवर पर पहुंचकर देर रात्रि से ही पूजा-अर्चना शुरु कर दी थी और ब्रहमसरोवर की सदरियों में प्रशासन द्वारा की गई रजाई और गद्दों की व्यवस्था का फायदा उठाते हुए कडक़ती ठंड में देर रात अपने-अपने प्रदेशों की संस्कृति के अनुसार भजन और गीतों का गुणगान किया।