देश के 95 प्रतिशत कारोबारी व अन्य श्रेणी के संस्थान डिजिटलीकरण की राह पर चल दिए हैं। फिर भी वे साइबर सुरक्षा का ख्याल नहीं रख रहे हैं। 61 प्रतिशत संस्थानों का मानना है कि साइबर हमले उनके विकास में बाधा बन रहे हैं। एक आईटी एनालिस्ट फर्म ने इस बारे में अपनी सर्वे रिपोर्ट जारी की है।
अध्ययन करने वाली फर्म के अधिकारी केनी यो के अनुसार इन संगठनों की आईटी सुरक्षा के लिए बेहतर तौर-तरीके अपनाने की जरूरत है। इसी के जरिए खतरों को रोका जा सकेगा। एप्लीकेशन में सुरक्षा के उपाय करने होंगे। सामने आई कमियों को साइबर हमलों से पहले दुरुस्त करना होगा। अध्ययन के दौरान करीब 100 कंपनियों को शामिल किया गया।
डिजिटलीकरण के साथ सुरक्षा का सोचें
रिपोर्ट के अनुसार साइबर सुरक्षा के बारे में संस्थानों को डिजिटलीकरण प्रोजेक्टर शुरू करने के साथ ही सोचना होगा। हालांकि अभी इसे लेकर परिपक्व सोच नहीं अपनाई जा रही है। अगर डिजिटलीकरण प्रक्रिया के साथ ही साइबर सुरक्षा के उपाय लागू किए जाएंगे तो साइबर अपराध की जद में आने का खतरा कम होगा।
दो साल में दोगुना हुआ है साइबर क्राइम
इस रिपोर्ट का महत्व इसलिए भी है क्योंकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार देश में साइबर क्राइम केवल दो वर्ष में दोगुना हो चुका है। 2015 में कुल 11592 मामले इसके अंतर्गत दर्ज हुए थे, 2017 के लिए जारी हालिया रिपोर्ट में यह संख्या 21796 पहुंच चुकी है, यानी करीब 88 प्रतिशत की वृद्धि। इनमें बड़ी संख्या संस्थानों और संगठनों पर हुए साइबर हमलों, वेबसाइट हैकिंग और अवैध लेन-देन की हैं।