उतर प्रदेश के बधवई से आए शिल्पकार फकरुद्दीन अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पर्यटकों के लिए विशेष कारपेट तैयार करके लाए है। इस शिल्पकार ने हाथों से तैयार किए गए 120 फुट के कारपेट की कीमत 85 हजार रुपए रखी है, हालांकि उनके पास 2 हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक के कारपेट रखे है।
अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के स्टाल नम्बर 9 पर पर्यटकों के लिए कारपेट लेकर आए शिल्पकार फकरुद्दीन का कहना है कि पिछले कई सालों से महोत्सव में पर्यटकों के लिए कारपेट लेकर आ रहे है। इस बार हाथ से बने छोटे और बड़े कारपेट विशेष तौर पर बनाकर लाए है। इन कारपेट की कीमत 2 हजार रुपए से लेकर 85 हजार रुपए तक की है। इन कारपेट को वूलन से तैयार किया जा रहा है। इस समय उत्तर प्रदेश में रॉयल सेल्फ हेल्प ग्रुप के अलावा 5 अन्य ग्रुप चला रहे है। इन ग्रुपों में 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि 10 सालों से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में आ रहे है और वे पूरे भारत वर्ष में अपने कारपेट लेकर जाते है। हर जगह उनके कारपेट के कद्रदान है। लेकिन आज कारपेट का उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है। इस दौर में उन्हें खूब मेहनत करनी पड़ रही है ताकि लोगों के लिए रोजगार के अवसर बने रहे।