सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर अपना फ़ैसला सुनाते हुए कहा है कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को बुधवार को विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करना होगा.
कोर्ट ने कहा है कि प्रोटेम स्पीकर के चुनाव के बाद फ़्लोर टेस्ट की कार्यवाही शुरू की जाएगी जो कि गुप्त मतदान से नहीं होगा.
इसके बाद इस प्रक्रिया को लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा.
एनसीपी नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि आज संविधान दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट ने सारी देश की जनता के सामने संविधान का महत्व स्वीकार किया है.
सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले सोमवार को सभी पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दी थी.
अदालत में कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ग़ैर-बीजेपी गठबंधन की ओर से दलील देते हुए 48 एनसीपी विधायकों के समर्थन की चिट्ठी दिखाते हुए कहा था कि ऐसा कैसे हो सकता है कि उनके पास 54 विधायकों का समर्थन है और हमारे पास भी 48 विधायकों का समर्थन हो.
उन्होंने कहा था कि, ''क्या सुप्रीम कोर्ट इसकी अनदेखी कर सकता है. जब दोनों ही पक्ष बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं तो देर किस बात की है.''
वहीं, शिव सेना की ओर से दलील देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि सुबह 5.17 पर राष्ट्रपति शासन हटाने की क्या जल्दी थी?
सिब्बल ने कहा था कि, ''ऐसी कौन सी आपातकाल की स्थिति आ गई थी कि देवेंद्र फडणवीस को सुबह आठ बजे शपथ दिलवाई गई. जब ये बहुमत का दावा कर रहे हैं तो इसे साबित करने से क्यों बच रहे हैं.''
वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से दलील देते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा था कि एनसीपी के 54 विधायक अजित पवार और फडणवीस के साथ हैं.