आज से शुरू हो रहे संसद का शीतकालीन सत्र विभिन्न मुद्दों पर सियासी तपिश झेलेगा। सत्र शुरू होने से पहले सरकार और विपक्ष नागरिकता संशोधन बिल, आर्थिक सुस्ती, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर आमने-सामने है।
सत्र से पहले सरकार और विपक्ष ने एक दूसरे को घेरने और पलटवार करने की रणनीति बनाई है। विपक्ष ने आर्थिक सुस्ती के कारण घट रहे रोजगार के अवसर को सबसे बड़ा मुद्दा बनाने का फैसला किया है। इसके अलावा विपक्ष की योजना सरकार को महंगाई जैसे मुद्दों पर घेरने की है।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला सत्र जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने के कारण चर्चा में रहा। इस सत्र में सबकी निगाहें नागरिकता संशोधन बिल पर है, जिसे मोदी सरकार राज्यसभा में संख्याबल के अभाव में पारित नहीं करा पाई थी।
विपक्ष इस बिल को असंवैधानिक बता कर लगातार इसका विरोध कर रहा है। जबकि सरकार इसे हर हाल में पारित कराने पर अडिग है। दरअसल इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से निर्वासित-प्रताड़ित हिंदुओं, बौद्धों, सिखों और ईसाईयों को सहज नागरिकता दिये जाने का प्रावधान है।
विपक्ष का कहना है इसमें मुलसमानों को शामिल नहीं करना असंवैधानिक है। सरकार इसी सत्र में बिल को पेश कर कानूनी जामा पहनाने के लिए अडिग है।
विपक्ष इस बिल को असंवैधानिक बता कर लगातार इसका विरोध कर रहा है। जबकि सरकार इसे हर हाल में पारित कराने पर अडिग है। दरअसल इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से निर्वासित-प्रताड़ित हिंदुओं, बौद्धों, सिखों और ईसाईयों को सहज नागरिकता दिये जाने का प्रावधान है।
विपक्ष का कहना है इसमें मुलसमानों को शामिल नहीं करना असंवैधानिक है। सरकार इसी सत्र में बिल को पेश कर कानूनी जामा पहनाने के लिए अडिग है।