Tuesday, November 5, 2019

मत छेड़ बलम मेरी चुनर न . . . पर हरियाणवी समूह नृत्य पर झूमे दर्शक


रत्नावली उत्सव में प्रतिभागी जब मंच पर अपनी प्रस्तुति दे रहे थे तो खचाखच भरे आडिटोरियम हाल में कोई ही ऐसा दर्शक होगा जिसके पांव न थिरक रहे हों। मौका था रत्नावली उत्सव के अंतिम दिन अंतिम प्रस्तुति हरियाणवी समूह नृत्य का। युवा कलाकारों ने जिस जोश व उत्साह के साथ हरियाणवी समूह नृत्य पर अपनी प्रस्तुति दी उसी उत्साह के साथ दर्शकों ने तालियों के साथ उनका मनोबल बढ़ाया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित रत्नावली के अंतिम दिन ऑडिटोरियम में हुए हरियाणवी ग्रुप डांस में प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस विधा के माध्यम से प्रतिभागियों ने हरियाणवी संस्कृति का परिचय देते हुए अपनी कला का प्रदर्शन किया जिसमें सरदार अजीत सिंह कॉलेज ने मत छेड़ बलम मेरी चुनर न पर अपनी प्रस्तुति दी। यूटीडी केयूके ने सदा सुहागन रहू मेरे मालिक आर्शीवाद दो आप से दर्शकों को लुभाया। आरकेएसडी पीजी कॉलेज दिल धडक़ै पिया मेरा तेरी याद मै बैठी सू बलम से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। डीएवी यमुनानगर की टीम ने हरियाला बन्ना मोड़ बांधकर आया बन्नो का भी अंग-अंग मुस्काया पर अपनी प्रस्तुति दी। जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।



जहाज के मा बैठ गौरी राम रटकै, ओढना सिमवाले तेरा पल्ला लटकै.... सहित अन्य रागनियों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें सामाजिक में फैली बुराईयों, कुरीतियों, विसंगतियों व आपसी भाई चारे का संदेश भी दिया। रत्नावली उत्सव के अंतिम दिन प्रोफेशनल रागिनी प्रतिस्पर्धा का आयोजन ओपन एयर थियेटर में किया गया। इस अवसर पर कई रागिनी गायकों ने अपनी प्रस्तुति दी।
सबसे पहले विकास सतरोडिया ने कुछ चुनिंदा रागनियां जो हमारे कल्चर और संस्कृति से जुड़ी हुई है वे सुनाई उन्होंने महादेव-पार्वती की रागनी सुख थोड़े, दुख घणे जगत मैं किस किस के दुख दूर करू मै रानी.... रागनी से दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। फिर उसके बाद एक चटपटी रागनी जहाज के मैं बैठ गौरी राम रटकै ओढना सिमवाले तेरा पल्ला लटकै.... से सारा हॉल किलकारियों से गूंज उठा। फि र उन्हीं की टीम के एक सदस्य आजाद दुहन जी ने चुटकुले सुनाए और दर्शकों ने खूब ठहाके लगाए उसके बाद नरेश बुटानिया ने भी अपनी टीम के साथ श्री कृष्ण व दुर्योधन के बीच समझौता वार्तालाप पर भाई की आब शिखर मैं हो तो लोगों आग लगाया नही करते.... और साथ-साथ चुटकुले भी सुनाए। फिर इसके बाद अंतिम टीम नरेश दांगी के नेतृत्व में आई और उन्होंने भी अपना प्रोग्राम सरस्वती वंदना से शुरू कर, फिर 3 चीजों को शुभ बताकर भूत, भविष्य, वर्तमान की कौन कहवै से तीन अशुभ है देखो तीन की माया लोगों.... और दर्शक मंडली को उत्साह बढ़ाने के लिए पैसों के रूप में मान-सम्मान भी किया। इन्होंने भी बीच-बीच में हास्यास्पद चुटकुलों से सभी चेहरों को हंसने पर मजबूर कर दिया और अंत में जहाज भरण की तैयारी होगी इब तै पहल्या मेरी री.... और अंत में अपनी आखिरी प्रस्तुति हे रै बादल झुकरे बिजली पाटै तृष्णा पैर अर चित्त नै चाटै.... नामक रागनी से कार्यक्रम का समापन हुआ।
रत्नावली महोत्सव के अंतिम दिन गतका, अखाड़ा ने मार्शल आर्ट के माध्यम से दिखाया पराक्रम


Featured Post

दुल्हन के जोड़े में खूबसूरत दिखीं श्रद्धा कपूर

  अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर साझा की है। जिसमें वो दुल्हन की तरह सजी हुई नजर आ रही हैं।    ...