कर्नाटक के मोटे अनाज से बना वड़ा अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव-2019 में पहुंचने वाले पर्यटकों के स्वाद को बढ़ाएगा। इस वड़े की डिश को लेकर कर्नाटक से देवराज पहली बार अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में शिरकत करने के लिए आए है। इस महोत्सव की फिजा और ब्रहमसरोवर के विशाल रुप को देखकर देवराज दंग रह गए। इस महोत्सव के लिए विशेष तौर पर जौ, बाजरा, मक्का, चावल सहित अन्य मोटे अनाज से बने वड़े और 9 प्रकार की डिश लेकर आए है।
सरस मेले के स्टाल नम्बर 725 पर पर्यटकों के स्वाद को बढ़ा रहे शिल्पी देवराज ने विशेष बातचीत करते हुए बताया कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पहली बार आए है और यहां का माहौल काफी पसंद आया, हालांकि वह कर्नाटक में विजया संजीवनी के नाम से सेल्फ हेल्प ग्रुप चला रहे है और उनके साथ 13 से ज्यादा सदस्य जुड़े हुए है। इस महोत्सव में मोट अनाज से बने वड़े और अन्य 9 प्रकार की डिश लेकर आए है। इस महोत्सव में कुछ दिनों के बाद करीब 15 प्रकार की डिश पर्यटकों को खिलाएंगे। इस डिश को तैयार करने के लिए कर्नाटक की कृषि यूनिवर्सिटी यूएएस दारबड़ के वैज्ञानिकों से लगातार चर्चा करते रहते है।
उन्होंने कहा कि उनके व्यंजनों को विभिन्न प्रदेशों में स्वाद से खाया जाता है, पिछले 2 वषों से इस व्यवसाय से जुड़े है। इस शुरुआती दौर में अच्छी बिक्री कर रहे है। इस महोत्सव में उनके व्यंजनों का दाम 30 रुपए से लेकर 50 रुपए तक ही रखा गया है ताकि महोत्सव में आने वाले पर्यटक उनके व्यंजनों का स्वाद चख सके। उन्होंने प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों की भी खुब प्रशंसा की है।