महाबलीपुरम चेन्नई से क़रीब 62 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह जगह यूनेस्को की सूची में शामिल ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है. एक पत्थर को काटकर बनाया गया रथ, पल्लव वंश के वक़्त की गुफ़ाएं और मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं. महाबलीपुरम तमिलनाडु का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल है.
महाबलीपुरम में ये दोनों नेता किस जगह पर मिलेंगे और किन किन जगहों पर जाएंगे इसकी अभी तक कोई सूचना नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेता समुद्र किनारे बने मंदिर देखने जा सकते हैं.
यहां एक ऐसी भी जगह है जहां पत्थर काटकर कई छोटी-छोटी लोक कथाओं को उकेरा गया है. उन्हीं में से एक अर्जुन की तपस्यारत कृति भी है. ऐसी उम्मीद की जा रही है पीएम मोदी और शी जिनपिंग यहां भी जा सकते हैं. इस मुलाक़ात को देखते हुए ही यहां पर रख-रखाव के काम को रोक दिया गया है.
पर्यटकों और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए महाबलीपुरम में काफ़ी कुछ है देखने के लिए.
वाराह गुफ़ा मंदिर में कई अद्भुत मूर्तियां हैं. हालांकि इसे वाराह मूर्तिकला के कारण ही वाराह मंदिर कहा जाता है. यह भी माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान नरसिंह के लिए किया गया था. दीवार से लगे दो पूर्ण स्तंभ और दो अन्य स्तंभ हैं. गर्भगृह अंदर की ओर नहीं बल्कि बाहर की ओर है. दीवार में एक वाराह शिल्पकला भी है.
अर्जुन की तपस्यारत मूर्ति
यह मूर्ति स्थलसयना पेरुमाल मंदिर के पीछे है और यह एक विशाल पत्थर को तराशकर तैयार की गई है. यह मूर्ति क़रीब 30 मीटर लंबी और 60 मीटर चौड़ी है.
रथ मंदिर
आमतौर पर इस मंदिर को पांडवों के रथ मंदिर के रूप में जाना जाता है. यह एक ही पत्थर को तराशते हुए बनाया गया है. बहुत से लोगों का मानना है कि इन मंदिरों को पाँच पांडवों के लिए ही निर्मित किया गया था लेकिन यहां उनकी कोई प्रतिमा नहीं मिलती है.
कहा जाता है कि ये मंदिर शिव, विष्णु और कोत्रवई (देवी) का है. यहां बने हर एक मंदिर की अपनी अलग शिल्पकला है.
समुद्र किनारे बने मंदिर
महाबलीपुरम नाम दो किनारे के मंदिरों की छवि को स्पष्ट करता है. इन मंदिरों का निर्माण नरसिम्हा द्वितीय ने किया था. इसे राजसिम्हा भी कहते हैं. जब साल 2004 में सुनामी ने तमिलनाडु के किनारों को अपनी चपेट में लिया था तो समुद्र का पानी मंदिरों में प्रवेश कर गया था. हालांकि ये मंदिर इतने मज़बूत हैं कि इन्हें बहुत अधिक नुक़सान नहीं पहुंचा था. मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग भी स्थित है.
तमिलनाडु की तीन जगहें यूनेस्को की हेरिटेज लिस्ट में आती हैं और महाबलीपुरम उनमें से एक ह